कोरोना वैक्सीन के लिए बात कर रहे हैं रूस और भारत- स्वास्थ्य मंत्रालय
दुनिया में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच लोग जल्द से जल्द इसकी वैक्सीन आने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। इसी बीच गत दिनों रूस की ओर से पहली कोरोना वैक्सीन 'स्पूतनिक वी' (Sputnik V) बनाने की घोषणा करने के बाद लोगों की उम्मीदों को पर लग गए हैं। अब इस वैक्सीन को लेकर भारत और रूस आपस में वार्ता कर रहे हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से मंगलवार को इसकी जानकारी दी गई।
वैक्सीन को लेकर साझा की गई है प्रारंभिक जानकारी- भूषण
स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा कि जहां तक 'स्पूतनिक वी' वैक्सीन का संबंध है, भारत और रूस इसके लिए आपस में बात कर रहे हैं। इसको लेकर कुछ प्रारंभिक जानकारियां साझा की गई है। बता दें कि वैक्सीन के उत्पादन को लेकर रूस ने भारत से संपर्क साधा है। भारत में रूस के राजदूत निकोला कुदाशेव ने स्वास्थ्य मंत्रालय में इस संबंध में हुई अहम बैठक में हिस्सा भी लिया। इसे बड़ा कदम माना जा रहा है।
रूस ने हाल ही में 'स्पूतनिक वी' को कराया है रजिस्टर
रूस ने हाल ही में 'स्पूतनिक वी' को रजिस्टर कराया है। गत 11 अगस्त को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इसके पहली वैक्सीन होने की घोषणा की थी। इसका नाम सोवियत संघ द्वारा लॉन्च किए गए दुनिया के पहले उपग्रह के सम्मान में रखा गया है। वर्तमान में इसके 45 से अधिक मेडिकल सेंटर्स में 40,000 से अधिक लोगों पर ट्रायल्स हो रहे हैं। इसे गैमेलिया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने RDIF के साथ मिलकर तैयार किया है।
रूस ने किया वैक्सीन के पहले बैच का उत्पादन
बता दें कि गत 15 अगस्त को रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीन के पहले बैच का उत्पादन करने की घोषणा की थी। उस दौरान सरकार ने कोरोना वायरस के उपचार के लिए तैयार पहली वैक्सीन का सबसे पहले उत्पादन करने का दावा किया था। सरकार का कहना था कि इसके उत्पादन का कार्य महीने के अंत तक पूरा हो जाएगा। हालांकि, कुछ वैज्ञानिकों ने इस तेजी को सुरक्षा और देश की प्रतिष्ठा के लिए खतरा बताया था।
रूस ने वैक्सीन के उत्पादन के लिए भारत से साझेदारी करने की जताई थी इच्छा
बता दें कि हाल ही में रूस ने वैक्सीन के उत्पादन के लिए भारत से साझेदारी करने की इच्छा जताई थी। रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) के CEO किरिल दिमित्रीव ने कहा था कि लैटिन अमेरिका, एशिया और मध्य पूर्व के कई राष्ट्र रूसी वैक्सीन का उत्पादन करने में रुचि रखते हैं। वह भारत के साथ भी साझेदारी पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि उत्पादन को लेकर साझेदारियां वैक्सीन की मांग की पूर्ति करने में सक्षम बनाएंगी।