कोरोना संक्रमित हो चुके मरीजों में कोविशील्ड की एक खुराक डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ कारगर- स्टडी
क्या है खबर?
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की एक स्टडी में सामने आया है कि कोरोना वायरस को मात दे चुके लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन बिना संक्रमण वाले लोगों के मुकाबले डेल्टा वेरिएंट से अधिक सुरक्षा प्रदान करती है।
यही नहीं, स्टडी में यह भी सामने आया कि जो लोग पहले कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं, उन्हें कोविशील्ड की एक ही खुराक डेल्टा वेरिएंट से सुरक्षा प्रदान कर सकती है।
स्टडी प्राकृतिक इम्युनिटी की अहमियत दर्शाती है।
नतीजे
स्टडी के नतीजों में क्या कहा गया?
अपनी रिपोर्ट में ICMR ने लिखा है, "स्टडी के नतीजे दर्शाते हैं कि एक या दो खुराक लगवा चुके कोविड से ठीक हो चुके लोगों को केवल एक या दो खुराक लगवा चुके लोगों के मुकाबले डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ अधिक सुरक्षा मिलती है।"
इसमें कहा गया है कि वैक्सीनेशन के कारण कम गंभीर बीमारी होती है जो दिखाता है कि शारीरिक द्रवों (ह्यूमरल) और कोशिकाओं दोनों की इम्युनिटी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
अच्छी खबर
ठीक हो चुके मरीजों में एक ही खुराक पर्याप्त- स्टडी
स्टडी के नतीजों में यह भी सामने आया कि कोविड को मात दे चुके मरीजों में कोविशील्ड की एक ही खुराक दोबारा संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करने और नए वेरिएंट से बचाने के लिए पर्याप्त है क्योंकि उनमें पहले से ही प्राकृतिक रूप से बड़ी संख्या में न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडीज होती हैं।
इसके अलावा ठीक हो चुके मरीजों में वैक्सीन लगवाने के बाद न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडीज केवल वैक्सीन लगवाने वाले मरीजों के मुकाबले डेल्टा वेरिएंट से अधिक सुरक्षा देती हैं।
निगरानी
"वैक्सीनेशन के बाद भी संक्रमण के मामलों पर निगरानी रखना जरूरी"
ICMR ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, "लोगों पर लंबे समय तक निगरानी रखकर प्राकृतिक इम्युनिटी और वैक्सीनेशन के कोविशील्ड द्वारा प्रदान की जाने वाली सुरक्षा पर असर को समझने में मदद मिल सकती है।"
रिपोर्ट के अनुसार, "ब्रेकथ्रू संक्रमण (वैक्सीनेशन के बाद भी संक्रमण) पर नजर रखना जरूरी है और इससे नए वेरिएंट के असर को समझने में मदद मिलेगी। डाटा ने बार-बार दर्शाया है कि वैक्सीनेशन के बाद संक्रमण होने पर गंभीर बीमारी से सुरक्षा मिलती है।"
रिसर्च
प्राकृतिक और वैक्सीनेशन वाली इम्युनिटी पर हो रही है लगातार रिसर्च
पिछले काफी समय से वैज्ञानिक ये जानने में लगे हैं कि वैक्सीनेशन से मिलने वाली इम्युनिटी और कोरोना संक्रमण के बाद मिली इम्युनिटी में से कौन बेहतर है।
विशेषज्ञों का मानना है कि वैक्सीन से मिलने वाली इम्युनिटी प्राकृतिक इम्युनिटी से बेहतर होती है और इसी कारण वे संक्रमित हो चुके लोगों को भी वैक्सीन लगवाने की सलाह देते हैं।
कुछ स्टडी में ठीक हुए लोगों के लिए एक ही खुराक पर्याप्त होने की बात सामने आई है।
वैक्सीनेशन अभियान
भारत में क्या है वैक्सीनेशन की स्थिति?
16 जनवरी को वैक्सीनेशन अभियान शुरू होने के बाद से अब तक देश में कोरोना वैक्सीन की 35,12,21,306 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। 28,71,37,161 लोग ऐसे हैं जिन्हें वैक्सीन की कम से कम एक खुराक लग चुकी है, वहीं 6,40,84,145 लोगों को दोनों खुराकें लग चुकी हैं।
21 जून के बाद से वैक्सीनेश की रफ्तार में तेजी आई है और रोजाना औसतन 50 लाख से अधिक खुराकें लग रही हैं। कल भी 63,87,849 खुराकें लगीं।