कोरोना वायरस: अमेरिका के अनुरोध के बाद भारत ने जरूरी दवाओं के निर्यात से रोक हटाई
भारत ने मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन दवा के निर्यात पर जारी प्रतिबंध हटा दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दो बार भारत से इस दवा के निर्यात पर जारी रोक हटाने का अनुरोध कर चुके थे। दूसरी बार में उन्होंने कहा कि अगर भारत रोक नहीं हटाता है तो उसे जवाबी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। गौरतलब है कि ट्रंप इस दवा को कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में 'गेम चेंजर' बता चुके हैं।
हाइड्रोक्सीक्लोरीक्विन का सबसे बड़ा उत्पादक देश है भारत
भारत के विदेश मंत्रालय ने दवा के निर्यात से रोक हटाने के फैसले के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि महमारी के बीच मानवीय पहलुओं को देखते हुए भारत सभी पड़ोसी देशों को उचित मात्रा में पैरासिटामॉल और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का लाइसेंस देगा। साथ ही महामारी से बुरी तरह प्रभावित कुछ देशों को इन जरूरी दवाओं की आपूर्ति की जाएगी। बता दें कि भारत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा का सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
भारत में ये कंपनियां बनाती है यह दवा
मलेरिया के इलाज में दशकों से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का इस्तेमाल हो रहा है। हालांकि, इस बात के कोई प्रमाण नहीं हैं कि यह कोरोना वायरस के इलाज में भी प्रभावी है। भारत में इसका इस्तेमाल COVID-19 के मरीजों के इलाज में लगे स्वास्थ्यकर्मियों और दूसरे लोगों को देने के लिए किया जा रहा है। भारत में सिपला, IPCA, इंटास, वैलैस और जायडस यह दवा बनाती है। पिछले साल अमेरिका निर्यात हुई इस दवा में से 47 फीसदी भारत से गई थी।
ट्रंप ने कही थी जवाबी कार्रवाई की बात
अमेरिका में कोरोना वायरस (COVID-19) के बढ़ते प्रकोप के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन दवा के निर्यात से प्रतिबंध हटाने की मांग की थी। ऐसा नहीं होने पर उन्होंने 'जवाबी कार्रवाई' की बात कही थी।
ट्रंप ने दिया था यह बयान
दवा के निर्यात से प्रतिबंध हटाने संबंधी मांग के बारे में जानकारी देते हुए ट्रंप ने कहा, "इस संबंध में मैंने रविवार की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की और मैंने कहा कि अगर आप हमारी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के सप्लाई को अनुमति दे रहे हैं, तो हम इसकी सराहना करेंगे। अगर वह इसकी अनुमति नहीं देते हैं तो भी कोई बात नहीं। मगर वे हमसे भी इसी तरह की प्रतिक्रिया की उम्मीद रखें, क्योंकि हम जवाबी कार्रवाई करेंगे।"
घरेलू खपत के कारण भारत ने रोका था निर्यात
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर बातचीत के दौरान हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन दवा भेजने की मांग की थी। दरअसल, घरेलू खपत के कारण भारत ने पिछले महीने इस दवा के निर्यात पर रोक लगा दी थी।
पर्याप्त उपलब्धता के बाद हटाई गई रोक- भारत
मंगलवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि कुछ मीडिया संस्थान दवाओं को लेकर बेवजह विवाद खड़ा रहे हैं। मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, "किसी भी जिम्मेदार सरकार की तरह हम अपने लोगों के लिए दवाओं का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित करेंगे। इसलिए अस्थायी तौर पर कुछ दवाओं का निर्यात रोका गया था।" उन्होंने कहा कि जरूरी दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता होने पर यह रोक हटा दी गई है।