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    प्रधानमंत्री मोदी ने ऐतिहासिक दूसरी बार अमेरिकी संसद को संबोधित किया, बोले- भारत लोकतंत्र की जननी
    प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी संसद को दूसरी बार संबोधित किया

    प्रधानमंत्री मोदी ने ऐतिहासिक दूसरी बार अमेरिकी संसद को संबोधित किया, बोले- भारत लोकतंत्र की जननी

    लेखन मुकुल तोमर
    Jun 23, 2023
    03:05 am

    क्या है खबर?

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरूवार को अमेरिकी संसद के संयुक्त सदन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी संसद को संबोधित करना एक बहुत बड़ा सम्मान है और वो इसके लिए आभारी हैं।

    प्रधानमंत्री मोदी का ये संबोधन ऐतिहासिक था क्योंकि उन्होंने अमेरिकी संसद के संयुक्त सदन को दूसरी बार संबोधित किया और वो ऐसा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं।

    इससे पहले उन्होंने 2016 में अमेरिकी संसद को संबोधित किया था।

    बयान

    AI यानि अमेरिका और इंडिया में काफी ज्यादा विकास हुआ- मोदी

    अमेरिकी सांसदों को अंग्रेजी में संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वो जब पिछली बार आए थे, उसके बाद से काफी कुछ बदल गया है और पिछले कुछ सालों में AI में कई विकास हुए हैं।

    उन्होंने कहा कि एक और AI में इससे भी ज्यादा विकास हुए हैं और वो AI अमेरिका और इंडिया हैं।

    प्रधानमंत्री बोले कि लोकतंत्र में परस्पर विरोधी विचार होने चाहिए, लेकिन देश के लिए एक साथ आना भी जरूरी है।

    लोकतंत्र 

    लोकतंत्र और विविधता पर ये बोले प्रधानमंत्री मोदी

    लोकतंत्र पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "लोकतंत्र एक ऐसी भावना है जो समानता और सम्मान का समर्थन करती है। लोकतंत्र ऐसी संस्कृति है कि जो भावनाओं को पंख देती है। भारत लोकतंत्र की जननी है। अमेरिका सबसे पुराना और भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है। साथ में दोनों दुनिया को बेहतर भविष्य दे सकते हैं।"

    उन्होंने कहा, "भारत में हजारों बोलियां हैं, लेकिन सभी भारतीय एक ही भाषा बोलते हैं... भारत में विविधता जीवन जीने का प्राकृतिक तरीका है।"

    बयान

    जल्द तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारत- मोदी

    भारत की आर्थिक शक्ति पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आज भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। हम केवल बढ़ नहीं रहे हैं, बल्कि तेजी से बढ रहे हैं। जब भारत बढ़ता है तो दुनिया बढ़ती है।"

    उन्होंने कहा, "भारत टेक्नोलॉजी का हब बन रहा है। रील से लेकर रीयल टाइम पेमेंट तक में भारत अग्रणी है। युवा उदाहरण है कि समाज कैसे टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दे सकता है।"

    वैश्विक संबंध

    मोदी बोले- हम वसुधैव कुटुंबकम की भावना से जीते हैं

    प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हम वसुधैव कुटुंबकम की भावना से जीते हैं। दुनिया के साथ हमारे संबंध सभी के फायदे के लिए हैं। 'वन अर्थ, वन हेल्थ' से हम मानव और पशुओं के स्वास्थ्य का ध्यान रख रहे हैं। हम योग के जरिए एकता की भावना को बढावा दे रहे हैं।"

    कोरोना वायरस महामारी के दौरान भारत की अग्रणी भूमिका का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने 150 से ज्यादा देशों को वैक्सीन दान की।

    भारत-अमेरिका संबंध

    भारत-अमेरिका के संबंधों में ये ऐतिहासिक क्षण- मोदी

    भारत-अमेरिका संबंधों पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "अमेरिका के साथ भारत के संबंध बहुत महत्वपूर्ण हैं... एक दशक पहले तक हम रक्षा मामलों में अनजान थे। अब अमेरिका हमारा सबसे बड़ा रक्षा साझेदार देश है। आज भारत और अमेरिका साथ मिलकर अंतरिक्ष, समुद्र, विज्ञान. कृषि, आर्ट, शिक्षा, ऊर्जा, स्टार्टअप से लेकर टेक्नोलॉजी तक में मिलकर काम कर रहे हैं। मैं कहना चाहता हूं कि हमारे संबंधों का दायरा असीमित है।"

    उन्होंने इसे दोनों देशों के संबंधों में ऐतिहासिक क्षण बताया।

    चीन 

    प्रधानमंत्री ने इशारों-इशारों पर चीन पर निशाना साधा

    प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में बिना नाम लिए इशारों-इशारों में चीन पर निशाना साधा।

    उन्होंने कहा, "हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में शांति दोनों देशों के लिए अहम है। हम एक स्वतंत्र और समावेशी हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र का विजन साझा करते हैं। हम अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक और दबाव से दूर क्षेत्र चाहते हैं। हम ऐसा क्षेत्र चाहते हैं, जहां कनेक्टिविटी का प्रयोग रणनीति के लिए किया जाए।"

    जानकारी

    आतंकवाद को बताया मानवता के लिए खतरा

    मोदी ने कहा, "26/11 के 1 दशक बाद आतंकवाद अभी भी दुनिया के लिए खतरा बना हुआ है। ये विचारधारा नए स्वरूप धारण करती है, लेकिन इसका उद्देश्य एक ही है। आतंकवाद मानवता के लिए खतरा है और इससे निपटने में कोई बहाना नहीं है।"

    ग्लोबल साउथ

    प्रधानमंत्री मोदी ने फिर उठाया ग्लोबल साउथ का मुद्दा

    अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर से ग्लोबल साउथ का मुद्दा उठाया।

    उन्होंने कहा, "नए वर्ल्ड ऑर्डर को विकसित करना जरूरी है। ग्लोबल साउथ को आवाज देकर आगे की राह बनाई जा सकती है। मैं मानता हूं कि अफ्रीकन यूनियन को G-20 की सदस्यता दी जानी चाहिए। दोनों देश इस राह में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।"

    प्रधानमंत्री ने खुद की लिखी हुई एक कविता भी सुनाई।

    अमेरिका संबंध

    प्रधानमंत्री मोदी ने जय हिंद के साथ खत्म किया भाषण

    अपने भाषण के अंतिम हिस्से में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हम अलग-अलग इतिहास से आते हैं, लेकिन हम एक ही लक्ष्य साझा करते हैं। जब हमारे संबंध प्रगाढ़ होंगे तो इसका फायदा मानवता को होगा और लोकतंत्र दमकेगा। ये हमारे संबंधों का मिशन है।"

    मोदी ने अमेरिकी संसद के स्पीकर, सांसदों और उपराष्ट्रपति का शुक्रिया अदा करते हुए उन्होंने जय हिंद के साथ अपना भाषण खत्म किया। कुछ अमेरिका सांसदों ने उनके ऑटोग्राफ भी लिए।

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