स्वतंत्रता दिवस 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को किया संबोधित, जानिए भाषण की बड़ी बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर गुरुवार को दिल्ली स्थित लाल किले की प्राचीर से ध्वजारोहण किया। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों सशस्त्र सेनाओं, भारतीय सेना, भारतीय नौसेना, भारतीय वायुसेना, नेशनल कैडेट कोर (NCC), राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) और दिल्ली पुलिस का संयुक्त गार्ड ऑफ ऑनर (सलामी) लिया। इस दौरान उन्होंने देश को संबोधित करते हुए 2047 के विकसित भारत का लक्ष्य भी रखा। आइए प्रधानमंत्री के संबोधन की बड़ी बातों पर नजर डालते हैं।
देश को विकसित बनाना है सपना- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देकर की। उन्होंने कहा, "दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र अब जनसंख्या के लिहाज से भी दुनिया में सबसे आगे है। हमारे इतने बड़े देश के 140 करोड़ लोग आज आजादी का पर्व मना रहे हैं। हमारा लक्ष्य साल 2047 तक देश को विकसित बनाना है। जब 40 करोड़ लोग देश को आजादी दिला सकते हैं तो 140 करोड़ देशवासी उसे समृद्ध भी बना सकते हैं।"
देश आजादी के दीवानों का ऋणि- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आज देश के लिए बलिदान देने वाले 'आजादी के दीवानों' को श्रद्धांजलि देने का दिन है। यह देश उनका ऋणी है।" उन्होंने कहा, "इस वर्ष और पिछले कुछ वर्षों से प्राकृतिक आपदा ने हमारी चिंताएं बढ़ाई है। कई लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों और संपत्ति को खो दिया। देश को नुकसान हुआ है। आज, मैं उन सभी के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं और विश्वास दिलाता हूं कि इस घड़ी में देश उनके साथ है।"
"2047 सिर्फ शब्द नहीं"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "2047 सिर्फ शब्द नहीं। इसके पीछे कठोर परिश्रम है। लोगों से सुझाव लिए जा रहे हैं। इसके लिए अनगिनत सुझाव मिले हैं। साल 2047 में जब देश विकसित भारत की आजादी का पर्व मनाएगा तो हर व्यक्ति का उसमें योगदान होगा।" उन्होंने कहा, " आज 3 करोड़ परिवारों को नल से जल मिल रहा है। हमने वोकल फॉर लोकल का मंत्र दिया, वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट का विचार दिया। पूरी दुनिया भारत से सीख रही है।"
"सेना सर्जिकल स्ट्राइक करती है तो देश का सीना चौड़ा होता है"
प्रधानमंत्री मोदी ने विकसित भारत 2047 पर फोकस करते हुए कहा, "चाहे पर्यटन हो, शिक्षा हो, स्वास्थ्य हो, MSME हो, परिवहन हो, खेती हो या कृषि क्षेत्र हो, हर क्षेत्र में एक नई आधुनिक व्यवस्था बनाई जा रही है। हम प्रौद्योगिकी के एकीकरण द्वारा सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाकर आगे बढ़ना चाहते हैं।" उन्होंने कहा, "कोरोना महामारी में हमने करोड़ों लोगों को वैक्सीन दी। देश की सेना सर्जिकल स्ट्राइक करती है तो देश का सीना चौड़ा हो जाता है।"
अंतरिक्ष क्षेत्र हो रहा है जीवंत- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरिक्ष क्षेत्र का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, "एक अन्य मुख्य आकर्षण अंतरिक्ष क्षेत्र रहा है। हमारी सरकार ने इस क्षेत्र में कई सुधार किए हैं, जिसके कारण कई स्टार्टअप इस क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं। इससे अंतरिक्ष क्षेत्र जीवंत होता जा रहा है। भारत को एक शक्तिशाली राष्ट्र बनाने की दिशा में एक आवश्यक तत्व है। हम दीर्घकालिक विचार के साथ इस क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और इसे ताकत दे रहे हैं।"
यह भारत का स्वर्णिम कालखंड- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "जब लाल किले से कहा जाता है कि 18,000 गांवों में समय सीमा के अंदर बिजली पहुंचाएंगे और वो काम हो जाता है तो भरोसा मजबूत हो जाता है। यह भारत का स्वर्णिम कालखंड है, यह मौका जाने नहीं देना है।" उन्होंने कहा, "आज हर सेक्टर में नया आधुनिक सिस्टम बन रहा है। हमने 10 साल में गांव की महिलाओं के लिए काम किया। उन्हें आत्मनिर्भर बनाया। 10 करोड़ महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया।"
महिला अत्याचार पर बोले प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "बेटियों पर अत्याचार हो रहे हैं। सरकारों को महिला अत्याचार को गंभीरता से लेना चाहिए। महिलाओं के प्रति अपराधों की गंभीरता से जांच होनी चाहिए। इससे देश में आक्रोश है।" उन्होंने कहा, "अच्छे कामों की तो जोर-शोर से चर्चा होती है, लेकिन अपराधियों की सजा पर उस स्तर पर चर्चा नहीं होती है। अपराधियों के फांसी पर लटने की भी बड़े स्तर पर चर्चा होनी चाहिए। इससे अपराधियों में डर का भाव पैदा हो सकेगा।"
प्रधानमंत्री मोदी के नाम दर्ज हुई यह खास उपलब्धि
इस ध्वजारोहरण के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी के नाम एक खास उपलब्धि दर्ज हो गई। वह लाल किले पर लगातार 11 बार ध्वजारोहण करने वाले देश के दूसरे प्रधानमंत्री बन गए हैं। उन्होंने इस मामले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पीछे छोड़ दिया है, जिन्होंने लगातार 10 बार लाल किले से ध्वजारोहण किया था। इस मामले में पहले पायदान पर भारत के पहले प्रधानमंत्री पं जवाहरलाल नेहरू है, जिन्होंने 1947 से 1963 तक 17 बार यह कारनामा किया था।