रूसी सेना में शामिल भारतीय होंगे रिहा, प्रधानमंत्री मोदी की पुतिन के साथ बैठक में फैसला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के 2 दिवसीय दौरे पर हैं। सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी के वहां पहुंचने पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उनके स्वागत में निजी डिनर पार्टी रखी। इसमें दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने एजेंटों के झांसे में आकर रूसी सेना में शामिल हुए भारतीयों की रिहाई पर बात की। इस पर राष्ट्रपति पुतिन ने सभी भारतीयों को सेना से छोड़ने पर सहमति दे दी। इस प्रक्रिया पर जल्द ही काम शुरू होगा।
रूसी सेना में शामिल हुए हैं दर्जनों भारतीय
बता दें, करीब 200 भारतीय लोग एजेंटों के झांसे आकर नौकरी की तलाश में रूस गए थे, लेकिन उनमें से दर्जनों को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के लिए रूसी सेना में काम करने के लिए भेज दिया गया। वह वर्तमान में रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में तैनात हैं। युद्ध के दौरान 2 भारतीयों की तो मौत भी हो चुकी है। अब रूस की सेना में शामिल अन्य भारतीयों की जानकारी और वास्तविक डाटा जुटाने के लिए दोनों देश मिलकर काम करेंगे।
रूसी सेना में काम कर रहे युवाओं ने उठाई थी वापसी की मांग
विदेश मंत्रालय के अनुयार, एजेंटों के झांसे में आकर रूस पहुंचे 200 लोगों में करीब 40 लोगों को जबरन वहां की सेना में भर्ती करा दिया गया था। इस साल की शुरुआत में पंजाब और हरियाणा के कुछ युवाओं ने सेना की वर्दी में सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी पोस्ट किया था। उन्होंने खुद से साथ हुई धोखाधड़ी की जानकारी देकर भारत सरकार से मदद की मांग की थी। इस मामले को भारत ने रूस के सामने उठाया था।
राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को दी बधाई
रिपोर्ट के अनुसार, डिनर पार्टी में राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री चुने जाने पर बधाई भी दी। उन्होंने कहा, "लगातार तीसरी जीत प्रधानमंत्री के रूप में आपके कई सालों के काम का नतीजा है। आपने अपना पूरा जीवन भारतीय लोगों की सेवा में समर्पित कर दिया है और वे इसे महसूस कर सकते हैं।" इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आप सही कह रहे हैं, मेरा एक ही लक्ष्य है- मेरा देश और इसकी जनता।"
प्रधानमंत्री मोदी आज पुतिन के साथ करेंगे द्विपक्षीय वार्ता
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी आज (9 जुलाई) को राष्ट्रपति पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इसमें सैन्य उपकरण से लेकर व्यापार के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा के साथ कई समझौते भी हो सकते हैं। इसी तरह क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी मॉस्को में राष्ट्रपति पुतिन के साथ 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर बैठक में भी शामिल होंगे। इस बैठक पर पश्चिमी देशों ने निगाहें गढ़ा रखी है।