
कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले के बाद केंद्रीय संरक्षण अधिनियम लागू करने की मांग, ये क्या है?
क्या है खबर?
कोलकाता में 31 वर्षीय डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के मामले ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया है।
डॉक्टर और मेडिकल छात्रों समेत कई लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। डॉक्टरों ने उनकी सुरक्षा के लिए अस्पतालों में बेहतर सुरक्षा मानदंडों को लागू करने की मांग की है। प्रदर्शनकारी लोगों की सबसे बड़ी मांग केंद्रीय संरक्षण अधिनियम को लागू करने की है।
आइए जानते हैं ये क्या है।
अधिनियम
डॉक्टरों के लिए केंद्रीय संरक्षण अधिनियम क्या है?
डॉक्टरों के लिए केंद्रीय संरक्षण अधिनियम को 2022 में लोकसभा में पेश किया गया था। इसे हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स और क्लिनिकल प्रतिष्ठानों के खिलाफ हिंसा की रोकथाम विधेयक, 2022' भी कहा जाता है।
इसका उद्देश्य डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा के कृत्यों को परिभाषित करना और ऐसे कृत्यों के लिए सजा निर्धारित करना था। प्रावधानों में हिंसा पर रोक लगाना, दंड निर्धारित करना, रिपोर्टिंग, सार्वजनिक संवेदनशीलता और शिकायत निवारण तंत्र शामिल हैं।
जुर्माना
विधेयक में 5 लाख तक जुर्माने का प्रावधान
विधेयक में हिंसा को शारीरिक हमले, मौखिक दुर्व्यवहार, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और चिकित्सा कर्मियों के कार्य में अवरोध के रूप में परिभाषित किया गया है।
विधेयक में शामिल अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती हैं। यानी अपराधी को बिना वारंट गिरफ्तार किया जा सकता है।
हिंसा करने या उकसाने वालों के लिए 6 से लेकर 5 साल तक का कारावास और 5,000 से लेकर 5 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
दायरा
विधेयक किस-किस पर लागू होगा?
प्रस्तावित विधेयक के अंतर्गत पंजीकृत चिकित्सक, मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सक, दंत चिकित्सक, नर्सिंग पेशेवर, चिकित्सा और नर्सिंग छात्र और अस्पतालों में सहायक कर्मचारियों को कवर किया गया है।
विधेयक में नजदीकी पुलिस स्टेशन के साथ लिकिंग समेत अस्पतालों की सुरक्षा मजबूत किए जाने के भी प्रावधान हैं। परामर्श फीस, जांचों के दाम और अस्पतालों के दूसरे खर्चों में पारदर्शिता सुनिश्चित किए जाने के बात भी विधेयक में कही गई है।
स्थिति
प्रस्तावित कानून की वर्तमान स्थिति क्या है?
ये विधेयक 2 साल पहले संसद में पेश किए जाने के बावजूद अभी तक कानून नहीं बन पाया है।
तब तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा था कि सरकार ने इसे आगे न बढ़ाने का फैसला किया है, क्योंकि इसके अधिकांश उद्देश्य महामारी रोग (संशोधन) अध्यादेश, 2020 में शामिल हैं।
इसके तहत, हिंसा या संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के कृत्य 3 महीने से 5 साल तक की कैद और 50,000 से 2 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान हैं।
मामला
क्या है डॉक्टर के बलात्कार का मामला?
9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में एक महिला डॉक्टर का शव मिला था।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि डॉक्टर की हत्या से पहले बलात्कार किया गया था। उसकी आंख, मुंह, पैर, गर्दन, हाथ, कमर और निजी अंगों पर काफी चोटें थीं।
मामले में कोलकाता पुलिस ने अस्पताल में आने-जाने वाले एक नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को गिरफ्तार किया था। फिलहाल CBI को मामले की जांच सौंपी गई है।