जम्मू-कश्मीर: अब सोशल मीडिया का उपयोग कर सकेंगे लोग, सात महीने बाद हटी पाबंदी
लगभग सात महीने बाद जम्मू-कश्मीर में सोशल मीडिया को फिर से शुरू कर दिया गया है। 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 पर फैसले से पहले तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य में सोशल मीडिया के प्रयोग पर पाबंदी लगाई गई थी। जम्मू-कश्मीर गृह विभाग द्वारा हालातों की समीक्षा करने के बाद ये फैसला लिया गया है। इससे पहले लैंडलाइन, पोस्टपेड मोबाइल सेवाओं और 2G इंटरनेट सेवाओं पर लगी पाबंदियों को भी हटाया जा चुका है।
इसलिए लगाई गईं थीं जम्मू-कश्मीर में पाबंदियां
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को राष्ट्रपति के एक आदेश के जरिए अनुच्छेद 370 में बदलाव करते हुए जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया था। इसके अलावा राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख, दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का फैसला लिया गया था। फैसले के खिलाफ विरोध की संभावना को देखते हुए राज्य में इंटरनेट, केबल टीवी और मोबाइल सेवाओं पर रोक समेत तमाम तरह की पाबंदियां लगाईं गईं थीं।
धीरे-धीरे कर पाबंदियों को हटाया गया
इन पाबंदियों को बाद में धीरे-धीरे चरणों में हटाया गया। सबसे पहले जनवरी में कुछ इलाकों में वॉइस कॉल और SMS सर्विस को बहाल किया गया। जनवरी में ही सरकारी दफ्तरों, होटलों और अस्पतालों जैसी जरूरी जगहों पर ब्रॉडबैंड सुविधाओं को शुरू कर दिया गया। इसके बाद पूरे राज्य में 2G इंटरनेट सेवाओं को भी शुरू कर दिया। हालांकि यूजर्स प्रशासन द्वारा जारी सूची में शामिल लगभग 1500 वेबसाइट्स को ही चला सकते हैं।
अब सोशल मीडिया पर लगी पाबंदी भी हटाई गई
इस बीच सोशल मीडिया के उपयोग पर लगी पाबंदी को नहीं हटाया गया था लेकिन बुधवार को जारी आदेश में अब इसे भी बहाल कर दिया गया है। नए आदेश के अनुसार, इंटरनेट सेवाएं 2G स्पीड में ही जारी रहेगी। हालांकि प्रीपेड मोबाइल सेवाओं पर लगी पाबंदियां जारी रहेंगी और ये दोनों सुविधाएं केवल उन प्रीपेड मोबाइल कनेक्शनों पर मिलेगी जिनका पोस्टपेड मोबाइल कनेक्शनों पर लागू होने वाले मापदंडों के तहत सत्यापन हो चुका है।
आतंकियों द्वारा सोशल मीडिया का दुरुपयोग करने की आशंका जताती रही है सरकार
बता दें कि केंद्र सरकार पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा सोशल मीडिया के दुरुपयोग की आशंका के आधार पर पाबंदियों को सही ठहराती रही है। उसका कहना है कि पाकिस्तान और आतंकी कश्मीर के युवाओं में अपना प्रोपगैंडा फैलाने के लिए सोशल मीडिया इस्तेमाल कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था पाबंदियों की समीक्षा का आदेश
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से पाबंदियां हटाने के ये सारे आदेश सुप्रीम कोर्ट के 10 जनवरी के उस आदेश के बाद आए हैं जिसमें उसने इंटरनेट और अन्य सेवाओं पर अनिश्चितकालीन रोक को अनुचित बताया था। उसने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से एक हफ्ते के अंदर वहां लगीं सभी पाबंदियों की समीक्षा करने का आदेश दिया था। इस दौरान कोर्ट ने इंटरनेट तक पहुंच को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत एक मौलिक अधिकार करार दिया था।