अब उड़ानों में भी चलेगा इंटरनेट, सरकार ने दी वाई-फाई सुविधा की मंजूरी
अब लंबी दूरी की उड़ानों में आपको बोरियत महसूस नहीं होगी। आप हजारों फीट की ऊंचाई पर उड़ते हुए भी यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसी इंटरनेट सुविधाओं का आनंद ले सकेंगे। सरकार ने सोमवार को एक अधिसूचना जारी करते हुए विमानन कंपनियों को उड़ान के दौरान यात्रियों को वाई-फाई की सुविधा देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। हवाई यात्रा करने वालों के लिए यह सरकार का बड़ा तोहफा माना जा रहा है।
अधिसूचना में कही गई है यह बात
सरकार की ओर से जारी की गई अधिसूचना में कहा गया है कि अब भारत के हवाई क्षेत्र में विमानन कंपनियां यात्रियों को वाई-फाई की सुविधा प्रदान कर सकती है। उड़ान के दौरान जब फ्लाइट में मोबाइल, लेपटॉप, टैबलेट, स्मार्ट वॉच, ई-रीडर सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण फ्लाइट मोड पर होंगे तो विमान का पायलट यात्रियों के मनोरंजन के लिए उन्हें वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध करा सकता है। इससे यात्रियों को काफी फायदा होगा।
3,000 मीटर की ऊंचाई पर मिलेगी सुविधा
आपको बता दें कि फ्लाइट में यात्रियों को वाई-फाई की सुविधा विमान के 3,000 मीटर की ऊंचाई पर जाने के बाद ही मिल सकेगी। विमान को इस ऊंचाई पर पहुंचने में महज चार से पांच मिनट का समय लगता है।
विस्तारा की फ्लाइटों में होगी शुरुआत
उड़ानों में वाई-फाई की सुविधा दिए जाने की घोषणा के बाद देश में यात्रियों को सबसे पहले यह सुविधा विस्तार कंपनी की ओर से मुहैया कराई जाएगी। गत शुक्रवार को विस्तार के CEO लेस्ली थंग ने पहले बोइंग 787-9 विमान की डिलीवरी के दौरान पत्रकारों से कहा था कि यह भारत में उड़ान के दौरान यात्रियों को वाई-फाई सुविधा मुहैया कराने वाला देश का पहला विमान होगा। अन्य कंपनियां भी जल्द ही सुविधा शुरू करेगी।
तीन कंपनियों को जारी किया लाइसेंस
आपको बता दें कि विमानों में वाई-फाई सुविधा मुहैया कराने के लिए Hughes कम्युनिकेशन, टाटा टेलनेट और BSNL जैसी तीन बड़ी कंपनियों को लाइसेंस जारी किया गया है। अब इन कंपनियों को घरेलू ऑपरेटर्स और अंतरिक्ष विभाग के साथ करार करना होगा।
वर्तमान में दुनियाभर में 30 विमानन कंपनियां दे रही यह सुविधा
वर्तमान में दुनियाभर में संचालित एयर एशिया, एयर फ्रांस, ब्रिटिश एयरवेज, मलेशिया एयरलाइंस, कतर एयरवेज़, वर्जिन एटलान्टिक सहित 30 विमानन कंपनियां अपने यात्रियों को उड़ान के दौरान वाई-फाई की सुविधा मुहैया करा रही हैं। इन सभी कंपनियों को SITA ऑनएयर कंपनी कनेक्टिविटी सेवा मुहैया कराती है। कंपनी का कहना है कि विमानन कंपनियां कनेक्टिविटी को जरूरी मान रही हैं और 91 प्रतिशत कंपनियां इसमें निवेश कर रही हैं।
यात्रियों को वाई-फाई सेवा के लिए करना होगा अतिरिक्त भुगतान
विमानों में वाई-फाई सुविधा मुहैया करना काफी महंगा साबित होता है। वर्तमान में भारत में संचालित विमानन कंपनियों के पास ऐसी सुविधा नहीं है, लेकिन अब उन्हें इसकी तैयार करनी होगी। सरकार ने उन्हें अपने हिसाब से शुल्क तय करने को कहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए ग्राहकों को टिकट के साथ कनेक्टिविटी का पैकेज मिलेगा। जिसके लिए उन्हें 500-700 रुपये अतिरिक्त भुगतान करना होगा।
इस तरह मिल सकती है यात्रियों को वाई-फाई की सुविधा
आपको बता दें कि फ्लाइट में वाई-फाई की सुविधा दो तरह से मिल सकती है। पहला तरीका यह है कि जमीन पर मौजूद मोबाइल ब्रॉडबैंड टावर से प्लेन के नीचे एंटीना लगाकर सिग्नल हासिल किए जाए। हालांकि यह तरीका समुद्री क्षेत्र के ऊपर उड़ान के दौरान काम नहीं करेगा। इसी तरह दूसरा तरीका है सैटेलाइट। प्लेन का संपर्क 35 हजार किलोमीटर ऊंचाई पर लगे सैटेलाइट से किया जाए। यह तरीका पहले की तुलना में काफी महंगा होता है।
दूरसंचार विभाग ने साल 2018 में दे दी थी मंजूरी
पहले भारतीय वायु क्षेत्र में फ्लाइटों में वाई-फाई सुविधा देने की अनुमति नहीं थीं। ऐसे में यह सुविधा देने वाली विदेशी कंपनियों को भी भारतीय वायु क्षेत्र में इस सुविधा को बंद करना होता था, लेकिन मई 2018 में भारतीय दूरसंचार विभाग ने यह प्रतिबंध हटाते हुए सरकार को वाई-फाई सुविधा की घोषणा करने का सुझाव दिया था। उसके बाद से ही दूरसंचार विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी थी और अब सरकार ने भी मंजूरी दे दी है।