#NewsBytesExplainer: कैसे मजबूत हुए भारत-UAE के संबंध और दोनों देश एक-दूसरे के लिए क्यों अहम?
प्रधाननमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार से संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की 2 दिवसीय यात्रा पर हैं। इस दौरान वह UAE के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से मिलेंगे और अबू धाबी में नवनिर्मित एक हिंदू मंदिर का उद्घाटन भी करेंगे। बीते सालों में भारत और UAE के द्विपक्षीय संंबंधों को नई गति मिली है और हर क्षेत्रों में दोनों देशों ने एक-दूसरे से संबंध बढ़ाए हैं। आइए जानते हैं कि दोनों देशों के रिश्ते कैसे मजबूत हुए।
मोदी के सत्ता में आने से बाद बढ़ी UAE-भारत की नजदीकियां
प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने के बाद से लगातार भारत-UAE के बीच नजदीकियां बढ़ी हैं। 2017 में गणतंत्र दिवस के मौके पर मोदी सरकार ने UAE के शीर्ष नेता मोहम्मद बिन को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया था। पिछले साल भारत ने G-20 की अध्यक्षता के दौरान UAE को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में बुलाया था। हाल में UAE भारत के सक्रिय समर्थन से BRICS के सदस्य देशों में शामिल हुआ।
पिछले एक साल में 5 उच्च स्तरीय यात्राएं
पिछले एक साल में भारत-UAE के बीच 5 उच्च स्तरीय यात्राएं हो चुकी हैं। प्रधानमंत्री मोदी जुलाई, 2023 में UAE पहुंचकर राष्ट्रपति शेख मोहम्मद से मिले थे। इसके बाद मोदी ने दिसंबर, 2023 में दुबई पहुंचकर COP28 सम्मेलन में भाग लिया था। दूसरी ओर सितंबर, 2023 में UAE के राष्ट्रपति G-20 शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली पहुंचे थे। इसके अलावा उन्होंने जनवरी, 2024 में मुख्य अतिथि के तौर पर 10वें वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन में शिरकत की थी।
कैसे हैं दोनों देशों के व्यापारिक रिश्ते?
भारत-UAE के बीच 1970 से व्यापारिक रिश्ते हैं, लेकिन अप्रैल, 2022 में दोनों देशों के बीच वृहद आर्थिक साझेदारी समझौता (CEPA) हुआ। इससे 2022-23 में दोनों देशों के बीच व्यापार 85 अरब डॉलर तक पहुंच गया। अमेरिका और चीन के बाद UAE भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। अमेरिका के बाद भारत सबसे ज्यादा निर्यात UAE में करता है। 2022-23 में भारत में 3.5 अरब डॉलर के निवेश के साथ UAE चौथा सबसे बड़ा देश है।
दोनों देशों के रक्षा क्षेत्र में कैसे संबंध हैं?
भारत और UAE के बीच रक्षा क्षेत्र में संबंध मजबूत हो रहे हैं। इसी साल भारत-UAE के बीच पहला संयुक्त सैन्य अभ्यास 'डेजर्ट साइक्लोन' राजस्थान में आयोजित हुआ है। हाल ही में अमीराती रक्षा कंपनी EDGE और हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं। इसके तहत मिसाइल रक्षा प्रणालियों को विकसित किया जाएगा। UAE ने भारत के हथियारों में भी दिलचस्पी दिखाई है और वह भारत से ब्रह्मोस मिसाइल भी खरीदना चाहता है।
दोनों देशों ने और किन क्षेत्रों में बढ़ाए हैं कदम?
दोनों देश स्थानीय मुद्राओं में व्यापार को बढ़ावा दे रहे हैं। इसे लेकर जुलाई, 2023 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और सेंट्रल बैंक ऑफ UAE (CBUAE) के बीच समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इसके साथ ही दोनों देशों ने पिछले साल शिक्षा क्षेत्र में भी समझौता किया। इसके तहत अबु धाबी में IIT-दिल्ली का कैंपस स्थापित किया गया है। 29 जनवरी, 2024 से इस कैंपस में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की शुरुआत हो गई, जबकि स्नातक और अन्य पाठ्यक्रम सितंबर से शुरू होंगे।
UAE भारत को क्यों दे रहा तवज्जो?
सऊदी अरब की तरह UAE भी अपनी अर्थव्यवस्था में विविधता लाना जाता है। वह तेल आधारित अर्थव्यवस्था पर अपनी निर्भरता कम करने लिए दुनिया भर में निवेश के नए ठिकाने ढूंढ रहा है। UAE भारत को एक भरोसेमंद साझेदार के तौर पर देखता है। वह मैन्युफैक्चरिंग, फूड बिजनेस, ग्रीन इन्फ्रास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों में भारतीय विशेषज्ञों की दक्षता का लाभ भी उठाना चाहता है। इसके साथ ही वह भारत में अधिक से अधिक निवेश भी करना चाहता है।
भारत के लिए UAE क्यों अहम?
भारत 2027 तक अपनी अर्थव्यवस्था का आकार 5 ट्रिलियन डॉलर करना चाहता है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए उसे 2030 तक निर्यात को बढ़ाकर एक ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने की आवश्यकता होगी। भारत-UAE के बीच हुआ CEPA समझौता इसमें अहम भूमिका निभा सकता है। UAE की आबादी का 35 प्रतिशत हिस्सा आप्रवासी भारतीय कामगारों का है, जो यहां की अर्थव्यवस्था की मजबूत रीढ़ माने जाते हैं। इस वजह से भी दोनों देशों के रिश्ते मजबूत हुए हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस
ये प्रधानमंत्री मोदी का 7वां UAE दौरा है। इससे पहले वह 2015, 2018, 2019, 2022 और 2023 में 2 बार UAE की यात्रा कर चुके हैं। 2019 में प्रधानमंत्री मोदी को UAE ने अपने सर्वोच्च सम्मान 'ऑर्डर ऑफ जायद' से सम्मानित किया था। 2022 में दोनों देशों के बीच ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शिक्षा, फिनटेक, रक्षा, सुरक्षा आदि को लेकर CEPA पर हस्ताक्षर हुए थे। भारत-UAE के बीच द्विपक्षीय व्यापार 100 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।