सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के नए कानून पर रोक लगाने से इनकार किया
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर बनाए गए नए कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। हालांकि, कोर्ट ने याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कानून को चुनौती देने वाली याचिका एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की ओर से दायर की गई है। याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अगुवाई वाली पीठ ने अगली सुनवाई अप्रैल में निर्धारित की है।
ADR ने कोर्ट में क्या दलीलें रखीं?
ADR की ओर से पेश वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट से कहा कि कानून पर रोक लगनी चाहिए क्योंकि हाल में एक चुनाव आयुक्त सेवानिवृत्त होंगे और उनकी जगह नियुक्ति होगी। उन्होंने मांग की कि अगर कानून पर रोक नहीं लगी तो याचिका निष्प्रभावी हो जाएगी। बार एंड बेंच के मुताबिक, पीठ मौखिक रूप से याचिका से सहमत थी, लेकिन पहले सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया। पीठ ने कहा कि वह इस तरह अंतरिम रोक नहीं लगा सकती।
पहले भी रोक लगाने से इनकार कर चुका है कोर्ट
NDTV के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट इससे पहले 12 जनवरी को भी नए कानून पर रोक लगाने से इनकार कर चुका है। हालांकि, उसने नए कानून की समीक्षा पर अपनी सहमति जताई थी। बता दें कि नए कानून को चुनौती देने के लिए कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। उन्होंने याचिका में संसद द्वारा लाए गए कानून को असंवैधानिक बताया है और कानून में किए गए संशोधन पर रोक लगाने की मांग की है।
क्या है नया कानून?
नए कानून के मुताबिक, चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक कैबिनेट मंत्री की समिति करेगी। पहले इस समिति में भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) थे, जिन्हें अब हटा दिया गया है।