अरविंद केजरीवाल की दिक्कतें बढ़ी, गृह मंत्रालय की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी
क्या है खबर?
दिल्ली में विधानसभा चुनाव के बीच पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल की परेशानी बढ़ गई है।
गृह मंत्रालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को कथित शराब घोटाले मामले में मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत केजरीवाल पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है।
बता दें, केजरीवाल ने ED जांच के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था, जिसके बाद विशेष PMLA कोर्ट ने केजरीवाल के खिलाफ आरोप तय करने पर रोक लगाई थी।
विवाद
क्यों जरूरी थी गृह मंत्रालय की मंजूरी?
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अगस्त में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को केजरीवाल के खिलाफ आरोपपत्र दायर करने की अनुमति मिल गई थी। इसके बाद ED ने PMLA में मुकदमा शुरू किया।
केजरीवाल इसके खिलाफ हाई कोर्ट पहुंच गए और दलील दी कि CBI की मंजूरी के आधार पर ED मुकदमा नहीं चला सकती। PMLA के तहत मुकदमा चलाने के लिए एजेंसी को अलग अनुमति लेनी चाहिए।
केजरीवाल ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के नवंबर के आदेश का हवाला दिया।
आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने क्या दिया था आदेश?
सुप्रीम कोर्ट ने 6 नवंबर को अपने आदेश में कहा था कि ED को PMLA के तहत किसी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सक्षम प्राधिकारियों से विशिष्ट मंजूरी की जरूरत है।
इस आदेश के कारण अन्य PMLA आरोपियों ने भी मुकदमा रद्द करने की मांग की थी।
बताया जा रहा है कि ED ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार लोकसेवकों के खिलाफ सभी PMLA मामले में बिना पूर्वाग्रह के अनुमति मांगी है।
आरोप
ED का क्या है आरोप?
ED का आरोप है कि केजरीवाल ने 'साउथ ग्रुप' के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और निजी संस्थाओं को लाभ पहुंचाया।
ED ने कहा कि 'साउथ ग्रुप' के लिए अलग-अलग शराब दुकानों में हिस्सेदारी सुनिश्चित की गई और उसे नीति के उद्देश्यों के विरुद्ध कई खुदरा क्षेत्र रखने की अनुमति दी गई।
ED ने ये भी आरोप लगाया कि अपराध की आय के 45 करोड़ रुपये AAP के लिए गोवा चुनावों में इस्तेमाल किए गए।
जानकारी
दिसंबर में उपराज्यपाल ने दी थी ED को मंजूरी
पिछले साल दिसंबर में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने ED को केजरीवाल के खिलाफ PMLA में मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी। इसका सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर AAP विरोध कर रही थी। अब मंत्रालय ने अनुमति देकर रास्ता साफ कर दिया।
जेल
केजरीवाल 176 दिन जेल में रहे थे
शराब नीति से जुड़े मामले में केजरीवाल को 21 मार्च को ED ने गिरफ्तार किया था। इससे पहले ED ने उन्हें 9 बार समन भेजा, लेकिन वे एक भी बार ED के सामने पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए।
लोकसभा चुनावों के दौरान केजरीवाल अंतरिम जमानत पर 21 दिन के लिए बाहर भी आए थे।
इसी साल 13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद केजरीवाल रिहा हुए थे। केजरीवाल कुल 176 दिन जेल में रहे।