वैक्सीनेशन अभियान: हिमाचल ने लगभग पूरी व्यस्क आबादी को लगाई एक खुराक, बंगाल सबसे पीछे
भारत अब तक अपनी आधी से अधिक व्यस्क आबादी को कोरोना वायरस वैक्सीन की कम से कम एक खुराक दे चुका है। वहीं हिमाचल प्रदेश और सिक्किम जैसे राज्यों और दादर नगर हवेली और दमन और दीव जैसे केंद्र शासित प्रदेश अपनी लगभग 100 प्रतिशत व्यस्क आबादी को एक खुराक लगा चुके हैं। हिमाचल और सिक्किम के अलावा केरल, उत्तराखंड, गुजरात और मध्य प्रदेश ऐसे राज्य हैं, जो 70 प्रतिशत से अधिक पात्र लोगों को एक खुराक लगा चुके हैं।
दिसंबर तक पूरी व्यस्क आबादी को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य
1 सितंबर तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो भारत के करीब 51 करोड़ लोगों को वायरस की कम से कम एक खुराक लगाई जा चुकी है। यह देश की 93.8 करोड़ व्यस्क आबादी का 54 प्रतिशत हिस्सा है। इसके अलावा 15 करोड़ से अधिक लोगों को पूरी तरह वैक्सीनेट किया जा चुका है। सरकार ने दिसंबर तक पूरी व्यस्क आबादी को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य रखा है और अब वैक्सीनेशन अभियान भी पूरी रफ्तार से जारी है।
कई राज्यों में एक चौथाई आबादी को दी गई दूसरी खुराक
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, वैक्सीनेशन में सबसे आगे रहने वाले राज्य अपनी करीब एक चौथाई पात्र जनसंख्या को दूसरी खुराक भी दे चुके हैं। दूसरी तरफ आठ बड़े राज्यों में एक खुराक पाने वालों की संख्या 50 प्रतिशत भी नहीं पहुंची है।
पश्चिम बंगाल का प्रदर्शन सबसे खराब
हर राज्य अपनी 40 प्रतिशत पात्र जनसंख्या को कम से कम एक खुराक लगा चुका है। वैक्सीनेशन कवरेज के मामले में सबसे खराब प्रदर्शन पश्चिम बंगाल का है, जहां की सबसे कम 41 प्रतिशत आबादी को एक खुराक दी गई है। तमिलनाडु, बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड ने पश्चिम बंगाल से बेहतर प्रदर्शन किया है, लेकिन इनमें से कोई भी वैक्सीनेशन की राष्ट्रीय औसत (54.8 प्रतिशत) को छू नहीं पाया है। इन राज्यों में वैक्सीनेशन की कवरेज सबसे कम है।
सबसे ज्यादा कोविशील्ड का हो रहा इस्तेमाल
सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, वैक्सीनेशन अभियान में सबसे ज्यादा सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड का इस्तेमाल हो रहा है। देश में लगाई गई 67 करोड़ से अधिक खुराकों में से 87 प्रतिशत कोविशील्ड की खुराकें हैं। 12 प्रतिशत खुराकें भारत बायोटेक की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सिन की और बाकी एक प्रतिशत स्पूतनिक-V की हैं। देश में अब तक कुल छह वैक्सीनों को मंजूरी मिली है, लेकिन अभी तक तीन का ही इस्तेमाल हो रहा है।
इसी महीने आ सकती है बच्चों के लिए वैक्सीन
भारत में इसी महीने 18 साल से कम उम्र के बच्चों और किशोरों के लिए वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है। स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सिन के 2-18 साल आयुवर्ग पर दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल चल रहे हैं और जल्द ही इनके नतीजे सामने होंगे। वैक्सीन की मंजूरी के लिए ये नतीजे नियामक संस्था को सौंपे जाएंगे। उम्मीद है कि सितंबर या इसके तुरंत बाद कोवैक्सिन को बच्चों पर इस्तेमाल की अनुमति मिल जाएगी।
देश में वैक्सीनेशन अभियान की क्या स्थिति?
कोविन प्लेटफॉर्म के अनुसार, भारत में अब तक कोरोना वायरस वैक्सीन की कुल 67,01,26,300 खुराकें लग चुकी हैं। देश में 51,59,19,910 लोगों को पहली और 15,42,06,390 लोगों को दोनों खुराकें दी जा चुकी हैं।