वैक्सीनेशन अभियान: भारत में अब तक लगाई गईं 50 करोड़ खुराकें, चीन के बाद सबसे ज्यादा
देश में चल रहे वैक्सीनेशन अभियान में अब तक 50 करोड़ से अधिक खुराकें लगाई जा चुकी हैं। 16 जनवरी को शुरुआत के बाद भारत ने शुक्रवार को 50 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि शुक्रवार को लगाई गई 43.29 लाख खुराकें के साथ वैक्सीनेशन कवरेज 50.03 करोड़ पर पहुंच गई है। कुल खुराकें लगाने के मामले में भारत चीन के बाद दुनिया में दूसरे स्थान पर है।
करीब 80 लाख स्वास्थकर्मी पूरी तरह वैक्सीनेटेड
भारत ने 16 जनवरी से स्वास्थ्य और फ्रंटलाइन कर्मियों को प्राथमिकता देते हुए वैक्सीनेशन अभियान शुरू किया था। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, शुक्रवार तक देश के 1.03 करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन की पहली और 79.51 लाख को दोनों खुराकें मिल चुकी हैं। फ्रंटलाइन कर्मियों की बात करें तो 1.8 करोड़ को पहली और 1.16 करोड़ को दोनों खुराकें लगाई जा चुकी हैं। शुरुआती चरण में केवल इन्ही दो श्रेणियों में आने वाले लोगों का वैक्सीनेशन किया गया था।
1 मार्च से 60+ लोगों के लिए शुरू हुआ था वैक्सीनेशन
केंद्र ने 1 मार्च से 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 45 साल से अधिक के लोगों के लिए वैक्सीनेशन शुरू किया था। इसके बाद 1 अप्रैल से 45 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को वैक्सीनेशन के दायरे में लाया गया था। देश में 60+ उम्र के 7.8 करोड़ लोगों को पहली और 3.8 करोड़ को दोनों, 45+ के 11.07 करोड़ को पहली और 4.19 को दोनों खुराकें लग चुकी हैं।
1 मई से 18+ लोगों के लिए खुला वैक्सीनेशन
1 मई से केंद्र सरकार ने वैक्सीनेशन का दायरा और विस्तृत करते हुए 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन लगवाने की छूट दी थी। हालांकि, 18-44 साल के लोगों के लिए वैक्सीन खरीदने का काम राज्य सरकारों को सौंपा गया था। इस कदम का विरोध होने पर केंद्र सरकार ने 21 जून से नई वैक्सीन नीति लागू की। इसके तहत अब केंद्र सरकार कंपनियों से खुराकें खरीदकर राज्यों को भेज रही है।
पांच राज्यों ने 18-44 आयुवर्ग को लगाई एक-एक करोड़ खुराकें
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 18-44 आयुवर्ग के 17.23 करोड़ लोग पहली और 1.12 करोड़ लोग दोनों खुराकें लगवा चुके हैं। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान ऐसे राज्य हैं, जहां इस आयुवर्ग को एक करोड़ से अधिक खुराकें लग चुकी हैं। इनके अलावा आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा, झारखंड, केरल, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, पंजाब, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल 18-44 साल के 10-10 लाख से अधिक लोगों को पहली खुराक लगा चुके हैं।
वैक्सीन की कमी बड़ा मुद्दा
वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत से लेकर अब तक देश में वैक्सीन की कमी बड़ा मुद्दा रही है। बढ़ती आलोचनाओं के बीच केंद्र सरकार को वैक्सीन निर्यात पर रोक लगानी पड़ी थी। इसके बाद भी राज्यों को पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो सकी और कई जगहों पर वैक्सीनेशन अभियान भी रोकना पड़ा। महाराष्ट्र समेत कई राज्यों ने एक से अधिक मौकों पर वैक्सीन की कमी की शिकायत की है। हालांकि, केंद्र सरकार इन आरोपों से इनकार करती आई है।
अगस्त-सितंबर में सरकार को 45 करोड़ खुराकों की उम्मीद
धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहे वैक्सीनेशन अभियान के बीच सरकार को उम्मीद है कि अक्टूबर तक उसे 45 करोड़ खुराकें मिल जाएंगी। सूत्रों ने बताया कि अगस्त में कोविशील्ड, कोवैक्सिन और स्पूतनिक-V की 20 करोड़ और सितंबर में 25 करोड़ खुराकें मिलने की उम्मीद है। इस तरह अक्टूबर तक सरकार के पास 45 करोड़ खुराकें आ जाएंगी। वहीं अक्टूबर में जायडस-कैडिला और बायोलॉजिकल-ई आदि कंपनियों की वैक्सीन को भी हरी झंडी मिल सकती है।