गुरबाणी के मुफ्त प्रसारण का विधेयक पारित, PTC ने दिया 1 करोड़ रुपये का चैलेंज
क्या है खबर?
अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में होने वाली गुरबाणी के मुफ्त प्रसारण के लिए सिख गुरुद्वारा अधिनियम, 1925 में संशोधन का विधेयक मंगलवार को पंजाब विधानसभा से पारित हो गया।
इसी बीच गुरबाणी का प्रसारण करने वाले PTC नेटवर्क ने दावा किया है कि इसका प्रसारण पहले से ही पूरे देश में मुफ्त है और अगर एक भी उपभोक्ता प्रसारण से संबंधित बिल पेश कर दे तो वह उसे 1 करोड़ रुपये का इनाम देगा।
मामला
क्या है मामला?
पंजाब सरकार ने किसी भी चैनल पर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से गुरबाणी के निशुल्क प्रसारण के लिए सिख गुरुद्वारा अधिनियम, 1925 में संशोधन किया है।
2007 से इसका प्रसारण अधिकार राजनीतिक रूप से शक्तिशाली बादल परिवार के स्वामित्व वाले PTC नेटवर्क के पास है। PTC शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) को इसके लिए अनुबंध पर सालाना 2 करोड़ रुपये का भुगतान करता है।
SGPC के साथ हुआ अनुबंध जुलाई, 2023 को खत्म हो रहा है।
बयान
PTC नेटवर्क के प्रबंध निदेशक ने उठाए फैसले पर सवाल
PTC नेटवर्क के प्रबंध निदेशक रबिंदर नारायण ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'गुरबाणी का प्रसारण पहले से ही मुफ्त है। भारत सरकार ने सभी PTC नेटवर्क चैनलों को फ्री-टू-एयर चैनल्स के रूप में नामित किया है। किसी केबल ऑपरेटर या DTH ऑपरेटर से कोई पैसा नहीं लिया जाता है।'
उन्होंने लिखा, 'यह यूट्यूब और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर भी मुफ्त में उपलब्ध है, फिर सरकार गुरबानी को फ्री-टू-एयर बनाने का दावा कैसे कर रही है?'
विधेयक
विधेयक पारित होने पर क्या बोले मुख्यमंत्री भगवंत मान?
पंजाब विधानसभा में विधेयक पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि गुरबाणी सभी के लिए है और वह यह सुनिश्चित करना चाहता हैं कि हर कोई इसे किसी भी चैनल पर सुन और देख सके।
उन्होंने कहा कि विधेयक में यह भी प्रावधान है कि स्वर्ण मंदिर से सुबह और शाम प्रसारित होने वाली गुरबाणी का प्रसारण करने वाला कोई भी चैनल इसके प्रसारण से आधे घंटे पहले या बाद में कोई भी विज्ञापन नहीं चला सकता है।
बयान
मुख्यमंत्री मान ने बादल परिवार पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री मान ने बादल परिवार पर निशाना साधते हुए कहा, "वह अपना कोई चैनल नहीं चलाते हैं। मैं अपने चैनल को प्रसारण अधिकार देने के लिए नहीं कह रहा हूं तो बादल परिवार को समस्या क्यों है?"
उन्होंने कहा, "SGPC को इस कदम का विरोध नहीं करना चाहिए। मैं चैनल को गुरबाणी प्रसारित करने से नहीं रोक रहा हूं, मैं बस इतना कह रहा हूं कि हर चैनल को ऐसा करने का अधिकार होना चाहिए।"
बयान
SGPC और अकाली दल ने विधेयक को लेकर जताई आपत्ति
पंजाब सरकार के इस फैसले पर SGPC प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने आपत्ति जताई थी।
उन्होंने कहा था, "पंजाब सरकार को अपने राजनीतिक हितों के लिए देश को भ्रमित नहीं करना चाहिए। गुरबानी का प्रसारण सामान्य प्रसारण नहीं है। इसकी पवित्रता और नैतिकता की उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए।"
शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने पंजाब सरकार पर निशाना साधते हुए उसके इस कदम को असंवैधानिक बताया है।