किसान आंदोलन: पुराने कानूनों के साथ नहीं कर सकते नई सदी का निर्माण- प्रधानमंत्री मोदी
नए कृषि कानूनों सहित अन्य मांगों को लेकर देश के किसान प्रदर्शन कर रहे हैं और मंगलवार को उन्होंने शांतिपू्रण तरीके से 'भारत बंद' का आह्वान किया है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को आगरा में मेट्रो रेल परियोजना के आभासी उद्घाटन समारोह में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि विकास के लिए सुधारों की सतत जरूरत हैं और पुराने कानूनों के साथ नई सदी का निर्माण नहीं किया जा सकता है।
पिछली सदी के कानून अब बन गए बोझ- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विकास के लिए सुधारों की जरूरत है और पिछली सदी के कुछ कानून अब बोझ बन गए हैं। नए आदेशों और सुविधाओं के लिए सुधारों की बहुत आवश्यकता है। ऐसे में अब पिछली शताब्दी के कानूनों के साथ नई सदी का निर्माण नहीं किया जा सकता हैं। उन्होंने कहा कि पिछली शताब्दी में जो कानून बेहतर होते थे वह अब बोझ बन गए हैं। ऐसे में विकास के लिए सुधार एक सतत प्रक्रिया होनी चाहिए।
भाजपा सरकार कर रही समग्र विकास- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने दावा किया कि उनकी सरकार देश का समग्र विकास कर रही है। लोग सोचते हैं अतीत की तुलना में सुधार बेहतर काम क्यों कर रहे हैं। इसी वजह साफ है कि पहले की सरकारों में टुकड़े-टुकड़े के तरीके से या फिर कुछ क्षेत्र और विभागों को ध्यान में रखते हुए विकास हुआ था और अब सुधारों को संपूर्णता के साथ लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन सुधारों ने देश के आत्मविश्वास को प्रभावित किया है।
कृषि कानूनों से जुड़ा मुद्दा क्या है?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।
किसानों ने मंगलवार सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक किया है 'भारत बंद' का आह्वान
बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में सितंबर से आंदोलनरत किसानों ने मंगलवार को सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक शांतिपूर्ण भारत बंद का आह्वान किया है। इसमें किसानों को विभिन्न राजनीतिक दलों सहित कई ट्रांसपोर्ट यूनियनों का समर्थन भी मिला है। किसानों की मांग है कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले, जबकि सरकार उनमें संशोधन करने के लिए तैयार है। किसानों ने गत 25 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा जमा रखा है।
इन राजनीतिक दलों ने किया 'भारत बंद' का समर्थन
किसानों की आरे से किए 'भारत बंद' के आह्वान का प्रमुख राजनीतिक दल, जैसे कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK), समाजवादी पार्टी (SP), तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) और वाम मोर्चा ने समर्थन किया है और इसे सफल बनाने का निर्णय किया है।
केंद्र सरकार ने राज्यों को जारी की है एडवाइजरी
किसानों के 'भारत बंद' के आह्वान को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी की है। इसमें सरकार ने राज्य सरकारों को प्रदर्शनकारियों से कोरोना महामारी से बचाव के सभी नियमों और सोशल डिस्टेसिंग का पालन कराने, किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचने के लिए आवश्यक उपाया और व्यवस्था करने तथा राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखने की सलाह दी गई है।