ट्रैफिक नियम उल्लंघन पर अब अधिक जुर्माना, कट सकता है एक लाख रुपये तक का चालान
केंद्र सरकार जल्द ही मोटर वाहन अधिनियम में बदलाव करने जा रही है, जिसके बाद ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों को 10 गुना ज्यादा जुर्माना भरना होगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय मोटर वाहन अधिनियम, 1988 में कई संशोधन करने जा रहा है और ये नियम उन्हीं में से एक है। बिल लोकसभा में पारित हो चुका है और अब केवल राज्यसभा की मंजूरी लेना बाकी है। आइए जानते हैं कि इसमें क्या-क्या संशोधन किए गए हैं।
बिना लाइसेंस ड्राइविंग पर 10 गुना ज्यादा हुआ जुर्माना
नए नियमों के अनुसार, ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कई गुना ज्यादा जुर्माना लगाया जाएगा। नए नियमों में जुर्माना एक लाख रुपये तक जा सकता है और इसे भी राज्य सरकारें अपने मुताबिक 10 गुना तक बढ़ा सकती हैं। अगर किसी को बिना लाइसेंस के ड्राइविंग करते हुए पकड़ा जाता है तो कम से कम 5,000 रुपये का जुर्माना लगेगा। अभी बिना लाइसेंस ड्राइविंग पर 500 रुपये का चालान कटता है।
जानें किस उल्लंघन पर लगेगा कितना जुर्माना
शराब पीकर गाड़ी चलाने पर न्यूनतम जुर्माना 2,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया है। रैश ड्राइविंग करने पर जुर्माना 1,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दिया गया है। गाड़ी चलाने के दौरान फोन पर बात करने पर अब 500 रुपये की बजाय 1,000 रुपये का जुर्माना लगेगा। अधिक स्पीड में गाड़ी चलाने पर 400 रुपये की बजाय 1,000-2,000 रुपये का जुर्माना लगेगा। सीट बेल्ट न पहनने पर 100 रुपये की जगह 1,000 रुपये का जुर्माना लगेगा।
मुआवजे की राशि में भी वृद्धि
इसके अलावा सड़क दुर्घटना की स्थिति में मुआवजे की राशि में भी वृद्धि की गई है। हिट एंड रन मामले में मरने वाले व्यक्ति के परिजनों को 2 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। अभी 25,000 रुपये देने का प्रावधान है।
नाबालिग के ट्रैफिक उल्लंघन करने पर अभिभावक जिम्मेदार
नए बिल के अनुसार, अगर कोई नाबालिग ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करता है तो इसके लिए उसके अभिभावक या गाड़ी के मालिक को जिम्मेदार माना जाएगा। उन्हें यह साबित करना होगा कि अपराध उनकी जानकारी के बिना हुआ या उन्होंने इसे रोकने की कोशिश की। अगर वो दोषी पाए गए तो उन पर कार्रवाई होगी। वाहन का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा और नाबालिग पर किशोर न्याय अधिनियम के तहत मामला चलाया जाएगा।
ड्राइविंग लाइसेंस संबंधी इन नियमों में भी हुआ बदलाव
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने और वाहन के रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड की जरूरत संबंधी नियमों में भी बदलाव किया गया है। वहीं, ड्राइविंग लाइसेंस के नवीकरण की समय सीमा को 1 महीने से बढ़ाकर 1 साल करने का प्रावधान भी किया गया है।
पीड़ितों की मदद करने वाले लोगों को भी राहत
नए बिल में सड़क दुर्घटना के पीड़ितों की मदद करने वाले लोगों को कानूनी पचड़े से सुरक्षा दिलाने का इंतजाम भी किया गया है। अब पुलिस और चिकित्साकर्मियों को अपनी पहचान उजागर करना उनके हाथ में होगा। वहीं, वाहनों से होने वाले प्रदूषण के लिए स्वचालित फिटनेस परीक्षण के साथ में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड बनाने की बात भी हो रही है। बिल में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस और कैब एग्रीगेटर्स पर भी नए प्रावधान किए गए हैं।
खराब रोड़ और वाहन बनाने के लिए निर्माताओं पर कार्रवाई
खराब रोड़ या वाहन बनाने के लिए नागरिक निकायों और निर्माताओं पर कार्रवाई का प्रावधान भी नए बिल में किया गया है। अगर किसी भी वाहन का इंजन निम्न स्तर का पाया जाता है तो इसके निर्माता को उन्हें वापस लेना होगा और इसके लिए उस पर 500 करोड़ रुपये तक का जुर्माना भी लग सकता है। वहीं, खराब रोड़ बनाने के लिए नागरिक एजेंसियों, ठेकेदारों और सलाहकारों पर कार्रवाई की जाएगी।