
क्या पेट्रोल-डीजल गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने का सोच रही है सरकार? नितिन गडकरी ने किया साफ
क्या है खबर?
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज साफ किया कि केंद्र सरकार का पेट्रोल और डीजल गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने का कोई इरादा नहीं है।
उन्होंने कहा कि सरकार को देश की अर्थव्यवस्था में ऑटो इंडस्ट्री के अहम योगदान के बारे में पता है और उसकी तरफ से ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाएगा।
बता दें कि गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण के कारण पेट्रोल और डीजल गाड़ियों पर प्रतिबंध की आशंका जताई जा रही थी।
बयान
गडकरी बोले, हम ऐसा कुछ नहीं करने जा रहे हैं
ऑटो इंडस्ट्री इस बात को लेकर चिंता में थी कि प्रदूषण के कारण केंद्र सरकार जलने वाले ईधन (पेट्रोल और ईधन) के इंजन वाली गाड़ियों पर प्रतिबंध लगा सकती है।
लेकिन उनकी इस चिंता को दूर करते हुए गडकरी ने कहा, " मंत्रालय को सुझाव मिला था कि पेट्रोल-डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि सरकार का पेट्रोल-डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने का इरादा नहीं है। हम ऐसा कुछ नहीं करने जा रहे हैं।"
बयान
गडकरी ने कहा, नौकरियों और निर्यात में ऑटो सेक्टर का बड़ा योगदान
59वें वार्षिक SIAM सम्मेलन में बोलते हुए गडकरी ने कहा, "सरकार पेट्रोल और डीजल की गाड़ियों को बंद करने नहीं जा रही है। 4.5 लाख करोड़ का ऑटोमोबाइल सेक्टर बहुत नौकरियां प्रदान करता है और निर्यात में भी वृद्धि हुई है।"
सरकार की चिंताएं
प्रदूषण पर गडकरी ने व्यक्त की चिंता
इस बीच गडकरी ने सरकार के सामने खड़ी कुछ चुनौतियां का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा, "सरकार के सामने कुछ समस्याएं हैं। पहली कच्चे तेल के आयात का खर्चा, दूसरी प्रदूषण और तीसरे सड़क सुरक्षा है।"
उन्होंने कहा कि ऑटो सेक्टर को स्वच्छ ईधन के स्त्रोतों की ओर बढ़ना होगा क्योंकि प्रदूषण एक बड़ा मुद्दा है।
हालांकि उन्होंने साफ किया कि प्रदूषण की समस्या के लिए केवल वाहनों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
दिल्ली प्रदूषण
गडकरी बोले, दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए 50,000 करोड़ रुपये की योजना
देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण पर बोलते हुए गडकरी ने कहा, "सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए 50,000 करोड़ रुपये की योजना बनाई है और दिल्ली में 29 प्रतिशत प्रदूषण को नियंत्रित किया जा चुका है। प्रदूषण घटाना राष्ट्रीय हित में है।"
बता दें कि दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल है और 2018 में इसे दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बताया गया था।
इस प्रदूषण का दिल्लीवासियों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
मोटर वाहन अधिनियम
नए मोटर वाहन अधिनियम पर भी बोले गडकरी
बता दें कि 1 सितंबर से नया मोटर वाहन अधिनियम भी लागू हो गया है, जिसके तहत ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों पर भारी जुर्माना लगाया जा रहा है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए गडकरी ने कहा, "सरकार की इच्छा जुर्माना राशि बढ़ाने की नहीं थी। मुद्दा यह है कि ऐसा समय आना चाहिए कि जहां किसी को दंडित करने की आवश्यकता ही नहीं पड़े और सभी बिना कुछ कहे नियमों का पालन करें।"
बयान
"हर साल 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं, 1.5 लाख लोगों की मौत"
गडकरी ने कहा, "देश मे हर साल 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जिनमें डेढ़ लाख मौतें हो जाती हैं। क्या इनकी जान नहीं बचानी चाहिए। सरकार नहीं चाहती कि ज्यादा जुर्माना लगाया जाए लेकिन लोग ऐसी स्थिति आने ही नहीं दें कि जुर्माना लगे।"
ऑटो सेक्टर संकट
गडकरी बोले, ऑटो सेक्टर को संकट से निकालने के प्रयास कर रही सरकार
गडकरी ने अपने संबोधन में ऑटो सेक्टर पर छाए संकट पर भी बात की।
उन्होंने कहा, "जहां तक वर्तमान आर्थिक आंकड़ों का संबंध है, वैश्विक अर्थव्यवस्था, मांग और आपूर्ति के कारण ऑटो सेक्टर समस्या का सामना कर रहा है। सरकार पहले से ही इसे ठीक करने पर विचार कर रही है।"
बता दें कि ऑटो सेक्टर पर छाए संकट के कारण अप्रैल से लेकर अब तक 3.5 लाख से अधिक लोगों की नौकरियां चली गईं हैं।