तेलंगाना में परीक्षा देने गईं छात्राओं के बुर्का पहनने को लेकर छिड़ा विवाद, जानें मामला
तेलंगाना में छात्राओं के बुर्का पहनने को लेकर विवाद छिड़ गया है। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के संतोष नगर में स्थित केवी रंगा रेड्डी डिग्री कॉलेज में बुर्का पहनकर आईं कुछ छात्राओं को कथित तौर पर परीक्षा देने से रोक दिया गया। छात्राओं ने आरोप लगाया कि उन्हें परीक्षा देने के लिए करीब आधे घंटे तक इंतजार करना पड़ा और बुर्का हटाने के बाद ही उन्हें परीक्षा केंद्र में प्रवेश की अनुमति दी गई थी।
कॉलेज प्रशासन ने बुर्का उतारने के लिए किया मजबूर- छात्रा
एक छात्रा ने कहा, "कॉलेज प्रशासन ने हमें कल से बुर्का नहीं पहनने की हिदायत दी है। यह परीक्षा नियमों के खिलाफ है। हमारे माता-पिता ने मामले की शिकायत गृह मंत्री मोहम्मद महमूद अली से की है। उन्होंने कहा है कि बुर्का पहनने वाली छात्राओं को परीक्षा देने से रोकना सही नहीं है।" वहीं एक अन्य छात्रा ने आरोप लगाया कि कॉलेज प्रशासन ने परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने से पहले हमें बुर्का उतारने के लिए मजबूर किया था।
तेलंगाना के गृह मंत्री ने दिया विवादित बयान
तेलंगाना के गृह मंत्री मोहम्मद महमूद अली ने मामले को लेकर एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा, "महिलाओं को जितना हो सके खुद को ढंकना चाहिए। अगर महिलाएं छोटे कपड़े पहनती हैं तो समस्या होगी। लोग जो चाहें वो पहन सकते हैं, लेकिन यदि आप यूरोपीय कपड़े पहनेंगे तो यह ठीक नहीं है।" हालांकि, उन्होंने आगे कहा कि यह कहीं नहीं लिखा है कि बुर्का नहीं पहना जा सकता है और इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।
छात्राओं ने कॉलेज पर लगाए आरोप
मौके पर पहुंचे छात्राओं के माता-पिता
सियासत डेली की रिपोर्ट के मुताबिक, छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की कोशिश भी की थी और प्रवेश नहीं मिलने पर उनके माता-पिता भी वहां पहुंच गए थे। एक छात्रा के पिता ने कहा, "सिर्फ बुर्का पहनने की वजह से बच्चों को निशाना बनाया गया। कॉलेज प्रबंधन ने हमारे अनुरोध को भी नहीं सुना था और प्रवेश द्वार पर सुरक्षा कर्मचारियों को तैनात कर दिया था।"
कर्नाटक में हिजाब को लेकर छिड़ चुका है विवाद
कर्नाटक में हिजाब विवाद की शुरूआत 28 दिसंबर, 2021 को उडुपी के पीयू कॉलेज में छह छात्राओं को हिजाब पहनने पर कक्षाओं में प्रवेश न देने से हुई थी। छात्राओं ने इसके खिलाफ प्रदर्शन किया और कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी। कई हिंदू छात्रों के विरोध में उतरने पर यह विवाद दूसरे जिलों में भी फैल गया। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने मामले में सुनवाई करते हुए एक विभाजित फैसला दिया था।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने दिया था विभाजित फैसला
सुप्रीम कोर्ट की 2 जजों वाली बेंच ने पिछले साल 22 अक्टूबर को कर्नाटक के कॉलेजों की कक्षाओं में कुछ मुस्लिम छात्राओं द्वारा पहने जाने वाले हिजाब पर प्रतिबंध की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर विभाजित फैसला सुनाया था। जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा था कि राज्य सरकार को कॉलेज में यूनिफॉर्म लागू करने का अधिकार है, जबकि जस्टिस सुधांशु धूलिया ने हिजाब पहनने को पसंद का मामला बताते हुए इन याचिकाओं पर सुनवाई की पैरवी की थी।