पाकिस्तानी सीमा पर ड्रोन गतिविधियां रोकने के लिए भारत तैनात करेगा चील, दिया जा रहा प्रशिक्षण
भारतीय सेना पाकिस्तान सीमा पर घुसपैठ करने वाले ड्रोनों को रोकने और मार गिराने के लिए अब कुत्ते और चीलों की मदद ले रही है। इसके लिए चीलों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। उत्तराखंड के औली में भारत और अमेरिका की सेनाओं के संयुक्त युद्धाभ्यास मेंमें 'अर्जुन' नामक चील ने एक ड्रोन को सफलतापूर्वक मार गिराने का प्रदर्शन भी किया है। गौरतलब है कि हाल ही में पाकिस्तान सीमा पर ड्रोन की गतिविधियों में काफी बढ़ोतरी हुई है।
चील ने कैसे बनाया ड्रोन को अपना निशाना
भारतीय सेना के जवानों ने युद्धाभ्यास के दौरान एक ऐसी स्थिति पैदा की थी जिसमें चील और कुत्ते की मदद से ड्रोन की लोकेशन को खोजकर उसे नष्ट करने का लक्ष्य रखा गया था। इस दौरान कुत्ते ने ड्रोन की आवाज सुनकर भौंकना शुरू करते हुए जवानों को अलर्ट कर दिया। इसी तरह चील ने कुत्ते के भौंकने पर तुरंत उड़ान भरी और ड्रोन की लोकेशन का पता लगाकर उसे हवा में ही नष्ट कर दिया।
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चीलों के पैरों में लगाए गए हैं कैमरे
इन चीलों के पैरों में कैमरा भी फिट किया गया है। इन कैमरों के जरिए सीमा पर दुश्मन की हरकतों पर नजर रखी जा सकती है। गौरतलब है कि कैमरे की फुटेज से सेना की महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त की जा सकेंगी।
ड्रोन के जरिए हथियारों की तस्करी करता है पाकिस्तान
पाकिस्तान ड्रोन के जरिए अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे जम्मू-कश्मीर और पंजाब के कई इलाकों में मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी करता आया है। हाल ही में सांबा जिले में पाकिस्तानी ड्रोन द्वारा गिराए गए हथियारों और भारतीय मुद्रा की एक खेप बरामद हुई थी। मेरठ में प्रशिक्षण देने के बाद इन चीलों को पाकिस्तानी सीमा पर तैनात किया जाएगा। इसके बाद सीमा सुरक्षा बल (BSF) को सीमा पर ड्रोन गिराने के लिए एंटी ड्रोन बंदूकों की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
तेलंगाना में दिया गया था गरुड़ दस्ता बनाने का आदेश
तेलंगाना सरकार ने 2020 में इंटीग्रेटेड इंटेलिजेंस ट्रेनिंग एकेडमी (IIITA) को राज्य में VIP लोगों की यात्राओं और कार्यक्रमों दौरान ड्रोन गतिविधियों को बेअसर करने के लिए पक्षियों को प्रशिक्षित करने के लिए एक गरुड़ दस्ता बनाने के आदेश दिए थे। इसमें पक्षियों को प्रशिक्षित करने के लिए दो ट्रेनर्स को 25,000 रुपये और 35,000 रुपये के मासिक वेतन पर अनुबंध के आधार पर भर्ती करने के लिए कहा गया था।
नीदरलैंड्स में इस्तेमाल हो चुके हैं शिकारी पक्षी
यूरोपीय देश नीदरलैंड्स की पुलिस ने 2016 में 'गार्ड फ्रॉम अबव' नामक एजेंसी के साथ समझौता किया था। बतौर रिपोर्ट्स, यह एजेंसी शत्रु ड्रोन को मार गिराने के लिए शिकारी पक्षियों को प्रशिक्षित करने वाली दुनिया की पहली कंपनी होने का दावा करती है। एजेंसी ने कहा था कि उसकी चीलों ने ड्रोन को एक शिकार के रूप में देखा और उन्हें हवा में रोककर अन्य शिकारी पक्षियों से दूर ले गईं।
इन देशों में इस्तेमाल हुए हैं शिकारी पक्षी
फ्रांस की सेना ने 2017 में प्रतिबंधित शहरी हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने वाले रिमोट द्वारा संचालित ड्रोन को मार गिराने के लिए शिकारी पक्षियों को प्रशिक्षित करना शुरू किया था। इसके लिए चार गोल्डन चिड़ियों को सैन्य प्रशिक्षण भी दिया गया था। वहीं, लंदन की स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने भी नीदरलैंड्स की तर्ज पर चीलों के इस्तेमाल करने की बात कही थी। इनका मकसद आतंकवादियों द्वारा ड्रोन के गिराई गई विस्फोटक सामग्री के खतरे से निपटना था।
भारत और अमेरिका के बीच उत्तराखंड में चल रहा है युद्धाभ्यास
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर उत्तराखंड के औली में भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास चल रहा है। यह युद्धभ्यास 15 नवंबर को शुरू हुआ था और 2 दिसंबर तक चलेगा। भारत और अमेरिका के बीच हर साल द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास होता है, जिसे 'युद्धाभ्यास' के नाम से जाना जाता है। पिछले साल यह अभ्यास अक्टूबर में अमेरिका के अलास्का में आयोजित हुआ था।