गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री चर्चिल अलेमाओ ने कहा- गाय खाने पर बाघों को भी मिले सजा!
अपने बयानों से चर्चा में रहने वाले गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) विधायक चर्चिल अलेमाओ ने गत दिनों राज्य में हुई एक बाघिन और उसके तीन शावकों की मौत को लेकर विधानसभा में हुई चर्चा में अजीबो-गरीब बयान दिया है। उन्होंने कहा कि गाय खाने पर इंसानों को सजा दी जाती है, उसी तरह गाय खाने वाले बाघों को भी कड़ी सजा दी जानी चाहिए। उनके इस बयान की खूब चर्चा हो रही है।
नजरअंदाज नहीं किया जा सकता मानवीय दृष्टिकोण- चर्चिल
जनवरी में महादयी वन्यजीव अभयारण्य में ग्रामीणों द्वारा एक बाघिन और उसके तीन शावकों को मारने के मामले को विपक्ष के नेता दिगंबर कामत ने विधानसभा में पटल पर रखा था। अलेमाओ ने कहा कि बाघ के गाय खाने पर सजा का क्या प्रावधान है? इंसानों को सजा दी जाती है। वन्यजीवों में बाघ महत्वूपर्ण है, लेकिन इंसानों की बात आती है तो गाय महत्वपूर्ण हो जाती है। मामले में मानवीय दृष्टिकोण को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री सावंत ने कही मुआवजे की घोषणा की बात
महादयी वन्यजीव अभयारण्य में एक बाघिन ने ग्रामीणों के मवेशियों पर हमला कर उन्हें मार दिया था। इससे गुस्साए ग्रामीणों ने बाघिन और उसके शावकों को मार दिया। मामले में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि बाघिन के हमले से ग्रामीणों को अपने मवेशियों को खोना पड़ा है। ऐसे में उनके लिए आगामी तीन-चार दिन में मुआवजे की घोषणा की जाएगी। हालांकि, उन्होंने भविष्य में ग्रामीणों से अपने मवेशियों की मजबूत सुरक्षा करने की भी बात कही है।
गौहत्या को लेकर ये है देश में कानूनी प्रावधान
देश में गौहत्या को लेकर अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग कानूनी प्रावधान है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, महराष्ट्र, छत्तीसगढ़, दिल्ली व चंडीगढ़ में गौहत्या पर पूरी तरह प्रतिबंध है। इन राज्यों में गौहत्या पर 5-10 साल की सजा का प्रावधान है। वहीं 12 राज्यों में गौहत्या पर आंशिक प्रतिबंध है और शेष राज्य व केन्द्र शासित प्रदेशों में कोई प्रतिबंध नहीं है।
अलेमाओ ने पहले दिया था अजीब बयान
अलेमाओ ने 1 अगस्त, 2019 को विधानसभा में पेश किए गए महिलाओं को फैक्ट्रियों में रात में काम करने की अनुमति देने वाले बिल पर चर्चा के दौरान भी अजीब बयान दिया था। उस दौरान उन्होंने कहा था कि गोवा की महिलाएं नाजुक और सभ्य होती हैं। जबकि अन्य राज्यों की महिलाएं काफी तेज होती हैं और देर रात तक काम कर सकती हैं। ऐसे में राज्य की महिलाओं को रात में फैक्ट्री में काम करना आसान नहीं होगा।