दिल्ली विधानसभा चुनाव: भाजपा ने जारी की उम्मीदवारों की पहली सूची
भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। पार्टी ने 70 विधानसभा सीटों में से 57 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है। इनमें से 11 उम्मीद अनुसूचित जाति से हैं वहीं चार महिलाओं को भी मैदान में उतारा गया है। इससे पहले दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) ने बुधवार को सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की थी।
पिछली बार जीते तीनों विधायकों को मिला टिकट
दिल्ली भाजपा प्रमुख मनोज तिवारी ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जाहिर की। पिछले विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज विधानसभा पहुंचने वाले तीनों भाजपा विधायकों को इस बार भी टिकट दिया गया है। विजेंद्र गुप्ता को रोहिणी, ओपी शर्मा को विश्वास नगर और जगदीश प्रधान को मुस्तफाबाद से टिकट दी गई है। पिछले विधानसभा चुनाव में भी ये तीनों यहीं से चुनाव लड़कर जीते थे।
कपिल मिश्रा को भी दिया गया टिकट
AAP छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले कपिल मिश्रा को मॉडल टाउन से टिकट दिया गया है। वहीं रवि नेगी को दिल्ली सरकार में उपमुख्यमंत्री और AAP में नंबर दो मनीष सिसोदिया के खिलाफ पड़पतगंज से मैदान में उतारा गया है।
कल AAP ने जारी की थी उम्मीदवारों की सूची
इससे पहले बुधवार को AAP ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अपने सभी 70 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पिछली बार की तरह इस बार भी नई दिल्ली से चुनाव लड़ेंगे। सत्येंद्र जैन को शकुर बस्ती, जितेंद्र तोमर को त्रिनगर, जरनैल सिंह को तिलक नगर और एस बग्गा को कृष्णा नगर से टिकट दिया गया है। वहीं लोकसभा चुनाव लड़ चुकीं अतिषी कल्काजी सीट से मैदान में उतरेंगी।
दिल्ली में 8 फरवरी को मतदान, 11 को मतगणना
बता दें कि दिल्ली की सभी विधानसभा सीटों पर 8 फरवरी को मतदान होना है और 11 फरवरी को चुनाव परिणाम घोषित किया जाएगा। चुनाव में मुख्य मुकाबला AAP और भाजपा के बीच माना जा रहा है। जहां AAP का लक्ष्य अपने काम के दम पर पिछले विधानसभा चुनाव की तरह बड़ी जीत दर्ज करना है, वहीं भाजपा दो दशक बाद दिल्ली की सत्ता पर वापसी करना चाहेगी। कांग्रेस से किसी को खास उम्मीद नहीं है।
क्या रहा था 2015 विधानसभा चुनाव का नतीजा?
2015 दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 70 में से 67 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं बाकी तीन सीटें भाजपा के खाते में गईं। कांग्रेस अपना खाता खोलने में भी नाकाम रही थी।