मतगणना: मद्रास हाई कोर्ट ने 1-2 मई को तमिलनाडु और पुडुचेरी में लॉकडाउन का सुझाव दिया
मद्रास हाई कोर्ट ने विधानसभा चुनावों के नतीजों के दिन कोरोना संक्रमण रोकने के लिए तमिलनाडु और पुडुचेरी में 1-2 मई को लॉकडाउन लगाने का सुझाव दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस दौरान केवल मतगणना और आपात सेवाओं से जुड़े वाहनों को इजाजत दी जा सकती है। कोर्ट ने आदेश में कहा कि जनस्वास्थ्य मतगणना से ज्यादा जरूरी है। मतगणना में देरी या इसे रद्द किया जा सकता है, लेकिन जन स्वास्थ्य के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता।
जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया सुझाव
मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और जस्टिस सेंथकुमार राममूर्ति की बेंच ने ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, बिस्तर और दवाओं की उपलब्धता से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह सुझाव दिया। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट ने कहा कि अगर लॉकडाउन लगाने की समय रहते हुए घोषणा की जाती है तो लोगों को पहले नोटिस मिल जाएगा और उनके पास जरूरी सामानों की खरीदारी का पर्याप्त समय होगा और वो लॉकडाउन का उल्लंघन नहीं करेंगे।
हालात पूरी तरह नियंत्रण से बाहर नहीं- कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि अभी तक स्थिति पूरी तरह नियंत्रण से बाहर नहीं है, लेकिन मीडिया के जरिये कुछ दर्दनाक कहानियां सामने आई हैं। गौरतलब है कि 2 मई को तमिलनाडु, बंगाल, असम, केरल और पुडुचेरी के विधानसभा चुनावों के नतीजों का ऐलान होना है।
सरकार ने इंतजामों को बताया पर्याप्त
सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि राज्य में कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। रेमडेसिवीर दवा के लिए विशेष काउंटर शुरू किया है। राज्य ने केंद्र को रेमडेसिवीर की 2.5 लाख शीशियों के लिए लिखा है और 30 अप्रैल तक उसे 59,000 शीशियां आवंटित हो चुकी हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार को चेंगलपट्टू, कूर्नुर और ऊटी स्थित वैक्सीन उत्पादन संयंत्रों को दोबारा शुरू करने का भी सुझाव दिया है।
चुनाव आयोग पर सख्ती दिखा चुका है हाई कोर्ट
विधानसभा चुनावों के प्रचार के दौरान विभिन्न रैलियों, रोड शो और सभाओं में कोरोना से बचाव के नियमों का जमकर उल्लंघन हुआ था। इस पर कार्रवाई न करने के लिए मद्रास हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग को कड़ी फटकार लगाई थी। हाईकोर्ट ने कोरोना के प्रसार के लिए चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि संक्रमण के प्रतिदिन बढ़ते मामलों के बावजूद चुनाव आयोग ने राजनीतिक पार्टियों को रैलियां करने की इजाजत कैसे दे दी?
चुनाव आयोग अधिकारियों के खिलाफ होना चाहिए हत्या का मामला- हाई कोर्ट
हाई कोर्ट ने कहा कि चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों को चुनावी रैलियों की अनुमति देने को लेकर आयोग के अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि महामारी के इस दौर में लोगों का स्वास्थ्य सबसे अहम है और यह चिंताजनक है कि संवैधानिक अधिकारियों को भी इस तरह की बातें याद दिलानी पड़ती है। जब कोई शख्स जीवित रहेगा तभी वह अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का लाभ उठा सकेगा।"