#NewsBytesExplainer: मोदी ने 'पठान' से हाउसफुल हुए कश्मीर के सिनेमाघरों का किया जिक्र, जानें इतिहास
शाहरुख खान की फिल्म 'पठान' ने दुनियाभर में धूम मचाई हुई है। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर लगातार नए-नए रिकॉर्ड बना रही है, वहीं फिल्म ने ठंडे पड़े सिनेमाघरों में नई जान डाल दी है। कश्मीर में पिछले साल ही करीब 30 साल बाद पहला मल्टीप्लेक्स खोला गया था। अब 'पठान' की वजह से इसने सफलता का पहला स्वाद चखा। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में इस बात पर खुशी जताई। कश्मीर में सिनेमाघरों के बारे में विस्तार से जानिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों किया कश्मीर के सिनेमाघरों का जिक्र?
प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में अपने हालिया भाषण में श्रीनगर के सिनेमाघरों का जिक्र किया। उन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर तंज कसते हुए कहा, "अध्यक्ष जी, अखबारों में खबर आई थी क्योंकि लोग टीवी में चमकने की कोशिश में लगे थे, लेकिन उसी समय श्रीनगर के सिनेमाघर हाउसफुल चल रहे थे।" शाहरुख के प्रशंसक प्रधानमंत्री की बात से बेहद खुश हो गए क्योंकि श्रीनगर के सिनेमाघर 'पठान' की वजह से हाउसफुल चल रहे हैं।
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आइनॉक्स ने दी थी हाउसफुल होने की जानकारी
'पठान' 25 जनवरी को रिलीज हुई थी। 26 जनवरी को आइनॉक्स ने ट्वीट करके जानकारी दी थी कि 'पठान' का शो हाउसफुल चल रहा है। ट्वीट में लिखा गया था, 'आज जब सारा देश 'पठान' से उत्साहित है, हम किंग खान को धन्यवाद देते हैं कि उनकी वजह से कश्मीर के सिनेमाघरों में 32 साल बाद कीमती हाउसफुल का निशान वापस देखा गया है।'
30 साल बाद कश्मीर में खुला था पहला मल्टीप्लेक्स
पिछले साल सितंबर में करीब 30 साल बाद कश्मीर में पहला मल्टीप्लेक्स खोला गया था। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस मल्टीप्लेक्स का उद्घाटन किया था। आइनॉक्स सिनेमा द्वारा शुरू किए गए इस मल्टीप्लेक्स को बनने में करीब पांच साल का समय लगा था। उद्घाटन समारोह में सिन्हा ने कहा था कि कश्मीर के हर जिले में सिनेमाघर शुरू किए जाएंगे। इस नए दौर की शुरुआत आमिर खान की फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' की स्क्रीनिंग के साथ की गई थी।
क्यों बंद हो गए थे कश्मीर के सिनेमाघर?
श्रीनगर में लाल चौक पर 1932 में पहला सिनेमाघर 'कश्मीर टॉकीज' खोला गया था। बाद में इसका नाम प्लेडियम कर दिया गया। प्लेडियम के बाद श्रीनगर में कुछ अन्य सिनेमाघर भी खोले गए। ये सिनेमाघर 80 और 90 के दशक में उग्रवाद और आतंकवाद की भेंट चढ़ गए। 1989 में उग्रवादी संगठन अल्लाह टाइगर्स ने क्षेत्र के सभी सिनेमाघर और बार को बंद करने की चेतावनी दी थी, जिसके बाद दिसंबर 1989 तक कश्मीर में सभी सिनेमाघर बंद हो गए।
आतंकवाद की वजह से नाकाम रही दोबारा शुरू करने की कोशिश
1999 में फारुख अब्दुल्ला की सरकार ने कश्मीर में सिनेमाघरों को दोबारा शुरू करने की कोशिश की। सरकार ने रीगल, ब्रॉडवे और नीलम को फिल्में दिखाने की अनुमति दी। रीगल के पहले शो में आतंकवादियों ने हमला कर दिया जिसमें एक शख्स की मौत हो गई। इसके बाद सिनेमाघर फिर से बंद हो गए। 2017 में सऊदी अरब ने अपने देश में सिनेमाघरों से प्रतिबंध हटाया तो तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी इस ओर पहल की।
2018 में फिर मिली अनुमति
2018 में मुफ्ती ने कश्मीर में नए सिनेमाघर बनाने की अनुमति दी। इसके बाद ब्रॉडवे सिनेमा के मालिक रहे धर परिवार ने युवाओं के लिए यहां मल्टीप्लेक्स बनाने की योजना बनाई। आइनॉक्स मल्टीप्लेक्स चेन के तहत संचालित इस सिनेमाघर का सितंबर में उद्घाटन हुआ था।