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AAP नेता सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन की मुश्किलें बढ़ीं, ED ने दर्ज किए 3 मुकदमे
दिल्ली में AAP के वरिष्ठ नेताओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं

AAP नेता सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन की मुश्किलें बढ़ीं, ED ने दर्ज किए 3 मुकदमे

लेखन आबिद खान
Jul 18, 2025
11:40 am

क्या है खबर?

दिल्ली की सत्ता से बाहर होने के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने AAP नेताओं पर मनी लॉन्ड्रिंग के 3 नए मामले दर्ज किए हैं। ये मामले दिल्ली में AAP के कार्यकाल के दौरान हुए कथित 3 अलग-अलग घोटालों में दर्ज किए गए हैं। इन मामलों में AAP के वरिष्ठ नेता खासतौर से पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन की भूमिका जांच के दायरे में है।

मामले

किन-किन मामलों में दर्ज हुई है FIR?

ये कथित घोटाले अस्पताल निर्माण, CCTV परियोजना और दिल्ली अर्बन शेल्टर इम्प्रूवमेंट बोर्ड (DUSIB) में गड़बड़ियों से संबंधित हैं। अस्पताल निर्माण घोटाला 5,590 करोड़ रुपये का बताया जा रहा है। AAP सरकार ने 2018-19 में 24 अस्पताल के निर्माण को मंजूरी दी थी। ये काम 6 महीने में पूरा होना था, लेकिन अब तक अधूरा है। आरोप है कि 800 करोड़ रुपये खर्च होने के बाद भी केवल आधा काम हुआ है। परियोजना की लागत भी बढ़ा दी गई है।

CCTV

क्या है CCTV घोटाला?

2019 में दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में 1.4 लाख CCTV कैमरे लगाने का काम शुरू हुआ था। इसके लिए 571 करोड़ रुपये का ठेका भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) को दिया गया था, लेकिन काम समय पर नहीं हुआ। इस वजह से BEL पर 17 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगा था, जिसे बाद में माफ कर दिया गया। आरोप है कि इसके बदले में सत्येंद्र जैन को 7 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई थी।

DUSIB

207 करोड़ रुपये का है DUSIB घोटाला?

DUSIB में फर्जी दस्तावेजों और फर्जी काम बताकर करोड़ों रुपयों की हेराफेरी करने का आरोप है। इसमें फर्जी फिक्स्ड डिपॉजिट रिसीट्स (FDR) के जरिए 207 करोड़ रुपये की हेराफेरी, पटेल नगर में 15 लाख रुपये का सड़क घोटाला, लॉकडाउन के दौरान 250 करोड़ रुपये की शेल्टर होम परियोजनाओं में अनियमितता बरतने जैसे कई आरोप शामिल हैं। आरोप है कि निकाली गई राशि का एक हिस्सा AAP नेताओं को दिया गया था।

सजा

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में रहे हैं जैन

30 मई, 2022 को जैन को ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। ED ने आरोप लगाए थे कि जैन ने 2015-16 में फर्जी कंपनियों के जरिए 16.39 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की थी। गिरफ्तारी के बाद उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। विवाद बढ़ने के बाद फरवरी, 2023 में जैन ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। फिलहाल वे जमानत पर बाहर हैं।