'मेट्रो मैन' श्रीधरन ने महिलाओं को मुफ्त यात्रा को बताया 'बीमारी', प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग
क्या है खबर?
'मेट्रो मैन' ई श्रीधरन ने दिल्ली सरकार के दिल्ली मेट्रो और बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा के प्रस्ताव पर कड़ी प्रतिक्रियाएं देते हुए इसकी तुलना एक "बीमारी" से की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखते हुए श्रीधरन ने इस प्रस्ताव को खारिज करने और इस बीमारी को फैलने से रोकने की अपील की है।
बता दें कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) के पूर्व प्रमुख श्रीधरन को दिल्ली मेट्रो को सफल बनाने का श्रेय दिया जाता है।
महिलाओं को मुफ्त यात्रा
क्या है दिल्ली सरकार का प्रस्ताव?
3 जून को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की थी कि जल्द ही महिलाएं मेट्रो और बसों में मुफ्त यात्रा कर सकेंगी और उनकी सरकार इस योजना को लागू करने पर विचार कर रही है।
उन्होंने मुफ्त यात्रा के इस प्रस्ताव को ऐच्छिक बताया था और कहा था कि जो महिलाएं यात्रा का खर्च उठा सकती हैं, वो अपना किराया दे सकती हैं।
इसके बाद से ही प्रस्ताव के विरोध और समर्थन में दो धड़े बने हुए हैं।
पत्र
श्रीधरन ने कहा, अक्षमता और दिवालियापन की ओर जाएगी मेट्रो
अब 'मेट्रो मैन' श्रीधरन ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि इससे दिल्ली मेट्रो "अक्षमता और दिवालियापन" की ओर जाएगी।
10 जून को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है, "मैंने दिल्ली मेट्रो के मैनेजिंग डायरेक्टर के पद से इस्तीफा देने के बाद निश्चय किया था कि मैं इसके कामकाज में दखलअंदाजी नहीं करूंगा। दिल्ली सरकार के महिलाओं को मेट्रो में मुफ्त यात्रा के हालिया फैसले ने मुझे इस निश्चय को तोड़ने पर मजबूर कर दिया है।"
बयान
DMRC पर बढ़ेगा लोन का बोझ
श्रीधरन ने चेतावनी दी है कि ऐसा करने पर DMRC पर जापान इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन एजेंसी (JAICA) के लोन को चुकाने का बोझ और बढ़ जाएगा।
उन्होंने लिखा है, "जब मेट्रो का पहला खंड शुरू हुआ था, तब मैंने सोच समझ कर फैसला किया था कि दिल्ली मेट्रो में किसी को भी यात्रा पर छूट नहीं मिलेगी। इससे राजस्व बढ़ा और हम आम नागरिकों को सस्ती यात्रा के साथ-साथ JAICA का लोन को चुकाने में भी कामयाब रहे।"
बयान
मेट्रो के अधिकारी भी करते हैं टिकट लेकर सफर
श्रीधरन ने बताया है कि DMRC के इस फैसले की तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी समेत सभी लोगों ने खूब प्रशंसा की थी। उन्होंने बताया कि DMRC के मैनेजिंग डायरेक्टर समेत हर अधिकारी और स्टॉफ को अपने सफर के लिए टिकट लेनी होती है।
आलोचना
श्रीधरन ने कहा, देश की सभी मेट्रो में लग जाएगी होड़
दिल्ली सरकार के फैसले पर श्रीधरन ने लिखा है, "अगर महिलाओं को दिल्ली मेट्रो में मुफ्त यात्रा दी जाती है, तो इससे देश की सभी मेट्रो में ऐसा करने की होड़ लग जाएगी। दिल्ली सरकार का ये तर्क कि राजस्व घाटे की प्रतिपूर्ति DMRC को कर दी जाएगी, एक बुरी सांत्वना है। इसमें लगभग 1,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।"
उन्होंने कहा है कि मेट्रो नेटवर्क और किराए में वृद्धि के साथ ये बोझ और बढ़ जाएगा।
खतरा
अन्य वर्ग भी करेंगे मुफ्त यात्रा की मांग
प्रस्ताव को बीमारी बताते हुए श्रीधरन ने लिखा है, "सबसे खराब ये है कि एक बार छूट देने के बाद विद्यार्थी, विकलांग, वरिष्ठ नागरिक समेत अन्य वर्गों से भी मुफ्त यात्रा की मांग उठेगी। बीमारी इतनी तेजी से फैलेगी कि देश की सभी मेट्रो को सब्सिडी के लिए राज्य सरकारों पर निर्भर रहना होगा।"
उन्होंने सुझाव दिया है कि इसकी बजाय राज्य सरकार को महिला यात्रियों को सीधे किराये के पैसे देने चाहिए।
गुलाबी टोकन
अलग टोकन देने पर दिया ये जवाब
केजरीवाल ने बुधवार को घोषणा की थी कि मुफ्त यात्रा करने वाली महिलाओं को विशेष गुलाबी टोकन दिए जाएंगे।
इस पर श्रीधरन ने कहा, "हम टोकन व्यवस्था की ओर वापस नहीं लौटना चाहते जो पुराना था और उससे काफी परेशानी भी होती थी। उस व्यवस्था में बहुत भ्रष्टाचार होता था।"
उन्होंने कहा कि इसकी बजाय सरकार को डायरेक्ट कैश ट्रांसफर जैसी सब्सिडी महिला यात्रियों को देनी चाहिए।
उन्होंने इस प्रस्ताव को महिलाओं की गरिमा के खिलाफ बताया।
अपील
प्रधानमंत्री मोदी से व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग
श्रीधरन ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री मोदी से "व्यक्तिगत हस्तक्षेप" करके दिल्ली सरकार के इस प्रस्ताव पर सहमत न होने की अपील की।
उनके इस पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि श्रीधरन और दिल्ली सरकार के दृष्टिकोण में अंतर है।
उन्होंने कहा कि मेट्रो में महिलाओं के किराए का दिल्ली सरकार मेट्रो प्रबंधन को भुगतान करेगी और इससे दिल्ली मेट्रो को एक रुपये का भी नुकसान नहीं होगा।