क्या है 1,000 करोड़ रुपये का टोरेस जूलरी घोटाला, कैसे ठगे गए हजारों लोग?
क्या है खबर?
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने टोरेस जूलरी से जुड़े घोटाले में मुख्य आरोपी तौसिफ रियाज को गिरफ्तार किया है।
तौसिफ टोरेस ब्रांड को चलाने वाली कंपनी प्लैटिनम हर्न का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) है। करीब 1,000 करोड़ रुपये के इस घोटाले में ये 5वीं गिरफ्तारी है।
घोटाले में निवेश का झांसा देकर देशभर के हजारों लोगों से 1,000 करोड़ों की ठगी की गई है।
आइए पूरा मामला जानते हैं।
काम
क्या काम करती थी टोरेस कंपनी?
टोरेस कंपनी निवेशकों को सोने-चांदी और मोइसैनाइट (कीमती पत्थर) में निवेश करने और मोटा रिटर्न देने को झांसा देती थी।
कंपनी ने एक बोनस स्कीम शुरू की थी, जिसमें एक लाख रुपये का निवेश करने वाले ग्राहकों को मोइसैनाइट पत्थर वाला एक पेंडेंट दिया जाता था। इसकी कीमत 10,000 रुपये थी और निवेश के प्रतीक के तौर पर दिया जाता था।
कंपनी निवेशकों को 7-11 प्रतिशत ब्याज के हिसाब से हफ्ते में भुगतान करती थी।
खुलासा
कैसे हुआ खुलासा?
कंपनी सोने, चांदी और मोइसैनाइट स्टोन खरीदने पर उतनी ही राशि पर क्रमशः 48, 96 और 520 प्रतिशत सालाना रिटर्न्स का वादा करती थी। इसका भुगतान हर हफ्ते किया जाता था।
2 सप्ताह से रिटर्न्स न आने से निवेशकों को किसी गड़बड़ी की आशंका हुई। इसके बाद सैकड़ों निवेशक मुंबई के दादर स्थित कंपनी के कार्यालय के बाहर इकट्ठा हुए।
6 जनवरी को कंपनी के सभी कार्यालय भी अचानक बंद हो गए।
ED
ED ने मारे थे छापे
मामले की जांच पहले मुंबई पुलिस फिर EOW और फिर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने की। ED ने 23 जनवरी को मुंबई और जयपुर में 10 ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें टोरेस के प्रमोटरों से जुड़ी संपत्तियों को निशाना बनाया गया।
ED ने कंपनी के बैंक खातों में जमा 21 करोड़ रुपये की राशि भी जब्त कर ली थी।
ED ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत एक आपराधिक शिकायत दर्ज की थी।
कंपनी
कंपनी के बार में क्या पता है?
2023 में पंजीकृत हुई 'प्लैटिनम हरेन प्राइवेट लिमिटेड' ने 2024 में 'टोरेस' नाम से दादर में 30,000 वर्गफीट का शोरूम खोला था। इसके बाद कंपनी ने मीरा-भाईंदर सहित अन्य जगहों पर शोरूम खोले।
कंपनी में इमरान जावेद, सर्वेश सुर्वे और ओलेना स्टाइएन निदेशक हैं। तीनों निदेशकों ने अपना पता भी कंपनी के पते को ही बताया है।
इसके अलावा उजबेकिस्तान की तानिया और रूस का वेलेंटीना गणेश कुमार भी कंपनी में शीर्ष पदों पर हैं।
आरोप
एजेंसियों ने कंपनी पर क्या आरोप लगाए?
पुलिस के अनुसार, कंपनी ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए भ्रामक विज्ञापन का इस्तेमाल किया। कंपनी के प्रमोटरों ने आकर्षक रिटर्न का वादा कर लुभाया, लेकिन देने में विफल रहे।
ED ने कहा कि इन योजनाओं में नए निवेशकों को शामिल करने के लिए बोनस की पेशकश की गई और अधिक पीड़ितों को आकर्षित करने के लिए रेफरल प्रणाली बनाई गई।
कंपनी ने सिंथेटिक मोइसैनाइट पत्थरों को हीरे के बराबर मूल्य वाला निवेश बताया।