
दिल्ली AIIMS के डॉक्टरों ने कोविड वैक्सीन और अचानक मौत के संबंध को खारिज किया
क्या है खबर?
दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डॉक्टरों ने कोविड वैक्सीन को असरदार बताया है। उन्होंने टीकाकरण और अचानक हृदय गति रुकने से हो रही मौतों के संबंधों को खारिज कर दिया। AIIMS के पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर और स्लीप मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ करण मदान ने बताया कि अब तक इस मामले में किए गए अध्ययन में ऐसा कोई कारण नहीं पाया गया, जिससे यह कहा जा सके कि मौत टीकाकरण की वजह से हो रही है।
कोविड वैक्सीन
कोविड वैक्सीन से मृत्यु दर कम हुई- डॉ मदान
डॉ मदान ने आगे कहा कि कोविड वैक्सीन ने मृत्यु दर को कम करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, महामारी के दौरान वैक्सीन जीवन को बचाने का एकमात्र रास्ता है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ संजय राय ने कहा कि पूरी दुनिया में 1,300 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 12 वैक्सीन को मंजूरी दी है, जिनमें अधिकतर अलग-अलग तकनीक पर आधारित है।
बयान
AIIMS के पूर्व निदेशक ने क्या कहा?
AIIMS के पूर्व निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि अचानक हृदयाघात के कारण युवा लोगों की मौत की जो खबरें आ रही हैं, उसी का कारण का पता लगाने के लिए अध्ययन किए गए हैं। उन्होंने कहा कि ICMR और AIIMS के अध्ययन से साफ पता चलता है कि युवा मौतों का कोविड टीकों से कोई संबंध नहीं है, कोविड टीकों के कुछ दुष्प्रभाव होते हैं, लेकिन टीकाकरण और दिल के दौरे के बीच कोई संबंध नहीं है।
ट्विटर पोस्ट
AIIMS के डॉक्टर का बयान
#WATCH | Delhi: Dr Karan Madan, Associate Professor, Department of Pulmonary, Critical Care and Sleep Medicine, AIIMS Delhi, says "COVID vaccines were effective vaccines and they played a crucial role in reducing the mortality. During the pandemic, vaccines are the only possible… pic.twitter.com/N2HBxZKnkU
— ANI (@ANI) July 3, 2025
अध्ययन
अध्ययन में क्या सामने आया है?
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR), राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) और AIIMS के अध्ययन की रिपोर्ट में कोविड वैक्सीन और अचानक हो रही मौत के बीच कोई संबंध नहीं बताया गया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बयान में कहा कि कोविड-19 के टीके सुरक्षित और प्रभावी हैं, जिनमें गंभीर दुष्प्रभावों के मामले बहुत कम देखने को मिलते हैं। मंत्रालय ने कहा कि अचानक हृदय संबंधी मृत्यु आनुवंशिकी, जीवनशैली, पहले से मौजूद बीमारियां और कोरोना के बाद की जटिलताओं से हो सकती है।
विवाद
कोविड वैक्सीन और मौतों की क्यों हो रही चर्चा?
कोरोना महामारी के दौरान लगाए गए टीकों के बाद सोशल मीडिया पर युवाओं की खेलते, नाचते-गाते हृदयगति रुकने से मौत की वीडियो सामने आ रही है। इन दिनों यह ज्यादा हो गए हैं। इससे लोगों में कोरोना वैक्सीन को लेकर डर फैल गया। इस बीच कर्नाटक के हासन में एक महीने में हृदयाघात से 21 युवाओं की मौत हो गई, जिसके बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कोविड टीकों के प्रतिकूल प्रभाव के अध्ययन का आदेश देकर इसमें बहस छेड़ दी।