AAP नेता मनीष सिसोदिया की जमानत खारिज, जानिए अब क्या बचे हैं विकल्प
क्या है खबर?
दिल्ली के कथित शराब नीति घोटाले में गिरफ्तार पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया कोर्ट राहत मिलती नहीं दिख रही है। शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।
CBI ने कोर्ट में कहा था कि सिसोदिया जमानत मिलने पर जांच प्रभावित कर सकते हैं।
कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद सिसोदिया के पास जमानत के लिए क्या विकल्प बचे हैं, आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
विकल्प
सिसोदिया के पास जमानत के विकल्प
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले को सिसोदिया दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। उनकी याचिका पर अगर जल्द हाई कोर्ट सुनवाई करता है, तो उन्हें यहां से राहत मिलने की उम्मीद है।
इसके अलावा, प्रवर्तन निदेशालय (ED) से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया की एक अन्य जमानत याचिका पर राउज एवेन्यू कोर्ट में 5 अप्रैल को सुनवाई होनी है।
हालांकि, इस मामले में उन्हें जमानत मिलना थोड़ा मुश्किल है।
जमानत
सिसोदिया ने जमानत याचिका में क्या कहा था?
दरअसल, सिसोदिया ने अपनी पत्नी के खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत देने की अपील की थी। उन्होंने याचिका में कहा था कि उनके पास से कोई आपत्तिजनक दस्तावेज भी नहीं मिले हैं और जांच में सहयोग पूरा सहयोग कर रहे हैं।
CBI ने सिसोदिया को जमानत देने का विरोध करते हुए कहा था कि उनके पास 18 विभागों की सारी जानकारियां हैं। ऐसे में जमानत देना मामले की जांच प्रक्रिया को प्रभावित करेगा।
मामला
क्या है शराब नीति से जुड़ा मामला?
दिल्ली सरकार ने नवंबर, 2021 में नई शराब नीति लागू की थी, जिसके बाद उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इसमें अनियमितताओं की आशंका जताते हुए मामले की CBI जांच कराने की सिफारिश की थी।
जुलाई, 2022 में सरकार ने इस नीति को रद्द कर दिया था। CBI ने अपनी जांच के बाद मामले में सिसोदिया समेत अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की थी। CBI की FIR के आधार पर ED ने भी मामले में मुकदमा दर्ज किया था।
आरोप
सिसोदिया पर क्या आरोप हैं?
मनीष सिसोदिया पर कमीशन लेकर शराब की दुकानों का लाइसेंस लेने वालों को अनुचित फायदा पहुंचाने का आरोप है। उन पर विदेशी शराब की कीमत में बदलाव करने और बीयर से आयात शुल्क हटाने का आरोप है, जिस कारण विदेशी शराब और बीयर सस्ती हो गईं और राजकोष को नुकसान हुआ।
सिसोदिया पर उपराज्यपाल की मंजूरी लिए बिना कोरोना वायरस महामारी का हवाला देकर 144.36 करोड़ रुपये की निविदा लाइसेंस फीस माफ करने का आरोप भी है।
जांच
ED किन आरोपों की जांच कर रही है?
ED मामले की मनी लॉन्ड्रिंग के नजरिये से जांच कर रही है। उसका आरोप है कि सिसोदिया के सहयोगियों ने दिल्ली में शराब लाइसेंस के लिए 'दक्षिण के किसी समूह' से लगभग 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी और AAP ने इसका इस्तेमाल गोवा विधानसभा चुनाव में किया।
दक्षिणी समूह में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता, अरबिंदो फार्मा के प्रमोटर सरथ रेड्डी और YSR कांग्रेस के सांसद मगुनता श्रीनिवासुलु रेड्डी आदि शामिल हैं।