दिल्ली: कई जगहों पर 'गंभीर' श्रेणी में पहुंची हवा की गुणवत्ता, 24 औद्योगिक यूनिट बंद
शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता और खराब हो गई है। अधिकतर जगहों पर यह 'बहुत खराब' और 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई है। आनंद विहार में हवा सांस लेने लायक नहीं बची है और यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 456 पहुंच गया है। अशोक विहार में भी यह 400 से ऊपर बनी हुई है। बता दें कि हर साल अक्टूबर-नवंबर के दौरान दिल्ली में वायु प्रदूषण के चलते हालत बेहद खराब हो जाती है।
दिल्ली के इन इलाकों में हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में
दिल्ली के शादीपुर, द्वारका NSIT, पंजाबी बाग, नेहरू नगर, पटपड़गंज, अशोक विहार, सोनिया विहार, जहांगीरपुरी, रोहिणी, विवेक विहार, नरेला, वजीरपुर, नरेला और मुंडका में हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। 0-50 AQI को अच्छा माना जाता है। 51-100 के बीच यह संतोषजनक, 101-200 तक मध्यम, 201-300 तक खराब, 301-400 तक बहुत खराब और 400 से ऊपर को गंभीर माना जाता है। यानी AQI जितना ज्यादा होगा, हवा उतनी ही ज्यादा प्रदूषित होगी।
शुक्रवार को लगातार पांचवें दिन बहुत खराब रही हवा
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, शुक्रवार को लगातार पांचवे दिन हवा की गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में रही। बीते 24 घंटों का औसत AQI देखा जाए तो यह 357 बना हुआ था। गुरुवार के मुकाबले में इसमें मामूली गिरावट आई है, जब यह 365 पर था। बता दें, दिवाली पर फोड़े गए पटाखों, 23 अक्टूबर के बाद तापमान में आई गिरावट और हवा की धीमी गति के चलते दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण बढ़ा है।
24 औद्योगिक यूनिट्स को बंद करने का आदेश
हवा की गुणवत्ता पर बने केंद्रीय पैनल ने दिल्ली और आसपास के इलाकों में स्थित 24 औद्योगिक यूनिट्स को बंद करने का आदेश दिया है। ये प्रदूषण रोकने के लिए बनाए गए नियमों का उल्लंघन कर रही थी।
अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या
दिल्ली और आसपास के शहरों में वायु प्रदूषण बढ़ने के कारण लोगों को खांसी, सांस लेने में परेशानी और आंखों में जलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अस्पतालों में इन लक्षणों वाले मरीजों के संख्या तेजी से बढ़ रही है। पिछले कुछ हफ्तों से इन मरीजों की तादाद ज्यादा बढ़ी है। डॉक्टरों ने कहा कि खांसी, नाक बंद होने, गले और आंखों में खुजली, सांस फूलने जैसे लक्षणों वाले मरीजों की संख्या ज्यादा हुई है।
कैसे करें प्रदूषण से बचाव?
विशेषज्ञों के अनुसार, लोगों को जहां तक संभव हो सके, एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्हें घर से बाहर और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचना चाहिए। अगर कोई घर से बाहर निकल रहा है तो मुंह पर मास्क और आंखों पर चश्मा रखें। प्रदूषण से होने वाले नुकसान से बचने के लिए अधिक मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए। अगर कोई बीमार है तो उसे नियमित तौर पर अपनी दवाएं लेनी चाहिए।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
पिछले महीने जारी हुई स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर के हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टीट्यूट (HEI) की रिपोर्ट में दिल्ली को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बताया गया था। प्रदूषण के कारण मौतों की सूची में भी वह छठवें स्थान पर रहा और यहां प्रति लाख आबादी पर 106 मौतें हुईं। 2019 में दिल्ली में प्रदूषण के कारण कुल 29,900 मौतें हुईं। इससे पहले IQAir की रिपोर्ट में दिल्ली को दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी घोषित किया गया था।