दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर, कोलकाता दूसरे स्थान पर- रिपोर्ट
क्या है खबर?
भारत की राजधानी दिल्ली PM2.5 के मामले में दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है। स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर के हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टीट्यूट (HEI) की ताजा रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।
यही नहीं, कोलकाता इस सूची में दूसरे स्थान पर है। इसके अलावा 2010 से 2019 के बीच PM2.5 के स्तर में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज करने वाले शीर्ष 20 शहरों में 18 भारत के रहे। बाकी दो शहर इंडोनेशिया के हैं।
रिपोर्ट
ज्यादातर शहरों में WHO के मानक से ज्यादा है वायु प्रदूषण
एयर पॉल्युशन एंड हेल्थ इन सिटीज नामक अपनी रिपोर्ट में HEI ने कहा है कि दुनियाभर के ज्यादातर शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के तय मानक से कई गुना अधिक है।
WHO के अनुसार, प्रति क्यूबिक मीटर में पांच माइक्रोग्राम PM2.5 प्रदूषक होना चाहिए, जबकि सबसे अधिक प्रदूषक शहर दिल्ली में 2019 में इसकी मात्रा 22 गुना अधिक 110 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक थी।
इसी तरह कोलकाता में PM2.5 का स्तर 84 माइक्रोग्राम था।
मौतें
PM2.5 के कारण मौतों के मामले में बीजिंग पहले स्थान पर
PM2.5 के कारण मौत की बात करें तो चीन की राजधानी दिल्ली इसमें पहले स्थान पर रही। यहां इसके कारण प्रति लाख आबादी पर 124 मौतें हुईं।
दिल्ली इस सूची में छठवें स्थान पर रही और यहां प्रति लाख आबादी पर 106 मौतें हुईं। प्रति लाख आबादी पर 99 मौतों के साथ कोलकाता आठवें स्थान पर रहा।
कुल मौतों की बात करें तो बीजिंग में 2019 में 26,270 मौतें हुईं, वहीं दिल्ली में 29,900 और कोलकाता में 21,380 मौतें हुईं।
वृद्धि और गिरावट
भारतीय शहरों में प्रदूषण में सबसे अधिक वृद्धि, चीनी शहरों में सबसे ज्यादा गिरावट
HEI की इस रिपोर्ट में दुनियाभर के 7,239 शहरों का विश्लेषण किया गया, हालांकि छह क्षेत्रों में स्थित 103 शहरों को ही रैंकिंग के लायक समझा गया।
इसमें यह भी पाया गया कि 2010 से 2019 के बीच जिन 50 शहरों में PM2.5 के स्तर में सबसे अधिक वृद्धि हुई, उनमें 41 शहर अकेल भारत के थे, वहीं नौ शहर इंडोनेशिया के रहे।
वहीं इसके स्तर में सबसे ज्यादा गिरावट देखने वाले सभी शीर्ष 20 शहर चीन के रहे।
परिचय
क्या होता है PM2.5 प्रदूषक?
PM2.5 सबसे छोटा और सबसे खतरनाक प्रदूषक होता है और दुनियाभर में हवा में इसकी मात्रा पर नजर रखी जाती है। अपने छोटे स्वरूप के कारण ये शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में आसानी से प्रवेश कर जाता है।
इसकी मौजूदगी वाली हवा में सांस लेने से अस्थमा, दिल और फेफड़ों की बीमारियां होती हैं। हर साल इसके कारण लाखों अस्वाभाविक मौतें होती हैं।
ज्यादातर देशों में इसका स्तर खतरनाक के स्तर पर है।
अन्य सर्वे
न्यूजबाइट्स प्लस
इस साल मार्च में आए IQAir की रिपोर्ट में भी दिल्ली को दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी घोषित किया गया था। वह लगातार दूसरे साल इस नंबर पर रही थी।
रिपोर्ट में कहा गया था कि 2020 की तुलना में दिल्ली की हवा में 2021 में PM2.5 की मात्रा 14.6 प्रतिशत बढ़ी।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत के लगभग 48 प्रतिशत शहरों में PM2.5 की मात्रा 50 माइक्रोग्राम से पार पहुंच गई है।