स्थाई समाधान नहीं हो सकता ऑड-ईवन, लागू किए जाने के बावजूद बढ़ रहा प्रदुषण- सुप्रीम कोर्ट
शुक्रवार को दिल्ली में वायु प्रदूषण के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऑड-ईवन नियम इससे निपटने में प्रभावी साबित नहीं हुआ है और इसे लागू किए जाने के बावजूद प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। आंकड़ों पर नजर डालने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर नियम में दी जानें वाली सभी तरह की छूटें हटाई जाती हैं तो ये कुछ हद तक प्रभावी हो सकता है।
दिल्ली सरकार ने कहा- ऑड-ईवन से आती है प्रदूषण में 5-15 प्रतिशत तक की कमी
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने ऑड-ईवन नियम के प्रदूषण पर असर को लेकर आंकड़े पेश किए। दिल्ली सरकार का पक्ष रखते हुए अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि ऑड-ईवन नियम से प्रदूषण में 5-15 प्रतिशत तक की कमी आती है और अगर नियम के तहत दिए जाने वाली छूटें हटा दी जाती हैं तो इससे परिणाम और अच्छे होंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण का असली कारण पराली जलाना है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा- प्रदूषण में कारों की मात्र तीन प्रतिशत हिस्सेदारी
ऑड-ईवन के तहत मिलने वाली छूटों को खत्म करने पर दिल्ली सरकार ने कहा कि वो इस पर विचार कर रही है, लेकिन अगर दोपहियों पर भी ये लागू होता है तो राजधानी जाम हो जाएगी। दिल्ली सरकार के आंकड़ों के विपरीत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कारों की प्रदूषण में तीन प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि सभी वाहन मिलाकर 28 प्रतिशत प्रदूषण करते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- स्थाई समाधान नहीं हो सकता ऑड-ईवन
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऑड-ईवन एक स्थाई समाधान नहीं हो सकता खासकर तब जब CPCB का कहना है कि कारें से केवल तीन प्रतिशत प्रदूषण होता है। कोर्ट ने कहा कि कचरा डंपिंग, कंस्ट्रक्शन का कचरा और सड़कों की धूल का भी प्रदूषण में बड़ा योगदान है। दिल्ली सरकार से सवाल करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर ऑड-ईवन योजना के तहत छूट नहीं दी जाती तो ये प्रभावी साबित हो सकती है।
पराली जलाने के मुद्दे पर चार राज्यों के मुख्य सचिवों को किया तलब
पराली जलाने से होेने वाले प्रदूषण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य इस मामले में प्रभावी कदम उठाने में असफल रहे हैं। कोर्ट ने 29 नवंबर को अगली सुनवाई में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के मुख्य सचिवों को तलब किया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली में एयर प्यूरीफायर टॉवर्स लगाने की योजना तैयार करने को कहा है।
शुक्रवार को भी गंभीर श्रेणी में रहा दिल्ली का प्रदूषण
बता दें कि ऑड-ईवन नियम लागू होने के बावजदू पिछले चार दिनों से दिल्ली का प्रदूषण गंभीर श्रेणी में बना हुआ है। शुक्रवार को भी दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 466 रहा और धुंध की एक चादर शहर के आसमान में नजर आई। इस बीच ऑड-ईवन का मौजूदा दौर भी आज खत्म हो रहा है और अगले दो दिन प्रदूषण का स्तर देखने के बाद दिल्ली सरकार इसे जारी रखने पर सोमवार को फैसला लेगी।
केजरीवाल बोले- हम नहीं चाहते लोगों को अनावश्यक असुविधा हो
इस संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, "हम नहीं चाहते है कि लोगों को अनावश्यक असुविधा हो। अगले दो-तीन दिन में वायु गुणवत्ता सुदरने की संभावना है। ऑड-ईवन बढ़ाने पर अंतिम निर्णय सोमवार को लिया जाएगा।"