दिल्ली: उपराज्यपाल ने बिजली सब्सिडी की जांच का दिया आदेश, केजरीवाल ने किया पलटवार
दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार और उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के बीच टकराव थमने का नाम नहीं ले रहा है। उपराज्यपाल एक के बाद एक AAP सरकार की कई योजनाओं की जांच के आदेश दे चुके हैं और अब सरकार की फ्री बिजली योजना उनके निशाने पर है। उन्होंने मुख्य सचिव से योजना के तहत दी जा रही बिजली सब्सिडी में अनियमितता की जांच करके सात दिन के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है।
केजरीवाल ने भाजपा पर साधा निशाना
उपराज्यपाल के इस आदेश पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर निशाना साधा है। ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा, 'गुजरात को "AAP" की फ्री बिजली गारंटी खूब पसंद आ रही है। इसलिए बीजेपी दिल्ली में फ्री बिजली रोकना चाहती है। दिल्ली के लोगों, भरोसा रखना। मैं आपकी फ्री बिजली किसी हालत में रुकने नहीं दूंगा। गुजरात के लोगों, आपको विश्वास दिलाता हूं कि सरकार बनने पर 1 मार्च से आपकी भी बिजली फ्री होगी।'
दिल्ली सरकार की फ्री बिजली योजना क्या है?
दिल्ली में 200 यूनिट तक बिजली पूरी तरह से फ्री है। 200 यूनिट से अधिक बिल होने पर 400 यूनिट तक पूरे बिल पर 50 प्रतिशत सब्सिडी मिलती है। 400 यूनिट से अधिक बिल होने पर कोई सब्सिडी नहीं मिलती और पूरा बिल भरना होता है। दिल्ली में बिजली के 58 लाख ग्राहक हैं जिनमें से 47 लाख को सब्सिडी मिलती है। इसमें से 30 लाख के बिल जीरो आते हैं, वहीं 17 लाख को आधा बिल भरना होता है।
बिजली सब्सिडी पर कितना पैसा खर्च होता है?
केजरीवाल के अनुसार, अभी दिल्ली में बिजली सब्सिडी पर सालाना 3,000 करोड़ रुपये के आसपास खर्च किए जाते है। उन्होंने उम्मीद जताई कि लोगों के सब्सिडी छोड़ने के बाद ये आंकड़ा कम होगा।
AAP के मॉडल में बिजली सब्सिडी की अहम भूमिका, गुजरात में भी किया वादा
बता दें कि 2020 दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP की जीत में बिजली सब्सिडी की अहम भूमिका रही थी। यही कारण है कि AAP जिस भी राज्य में चुनाव लड़ती है, वहां कुछ निश्चित यूनिट बिजली फ्री देने का वादा करती है। पंजाब में भी उसने 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने का वादा किया था और अभी यहां उसकी ही सरकार है। गुजरात में भी उसने 300 यूनिट बिजली फ्री देने का वादा किया है, जहां भाजपा की सरकार है।
शराब नीति और बस खरीद सौदे की जांच के आदेश भी दे चुके हैं उपराज्यपाल
बता दें कि उपराज्यपाल इससे पहले AAP सरकार की नई शराब नीति और बस खरीद सौदे की जांच के आदेश दे चुके हैं। सरकार पर शराब नीति के जरिए भ्रष्टाचार करने का आरोप है और मामले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया मुख्य आरोपी हैं। CBI ने उनके घर पर छापा भी मारा था। उपराज्यपाल ने 20 करोड़ रुपये के गबन के लिए दिल्ली जल बोर्ड (DJB) के अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश भी दिया है।
AAP ने भी उपराज्यपाल पर लगाए हैं आरोप
AAP ने भी उपराज्यपाल सक्सेना पर आरोप लगाया है कि 2016 में जब वह खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) के चेयरमैन थे, तब उन्होंने नोटबंदी के आसपास 1,400 करोड़ रुपये का घोटाला किया था। आरोप है कि सक्सेना ने KVIC के कर्मचारियों पर दबाव डालकर 1,400 करोड़ रुपये के अपने पुराने नोट बदलवाए थे। इसके अलावा उन पर मुंबई के एक खादी लाउंज की इंटीरियर डिजाइनिंग का ठेका अपनी बेटी को दिलवाने का आरोप भी है।