विश्व पशु दिवस 2022: जानिए किन तरीकों से सार्थक बनाया जा सकता है यह दिन
हर साल 4 अक्टूबर को विश्व पशु दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य जानवरों के कल्याण के लिए बेहतर मानक तय करना है और पर्यावरण में उनके महत्व के प्रति लोगों को जागरुक करना है। यह दिन सिर्फ पालतू जानवरों के लिए ही नहीं, बल्कि जंगली जीवों, लुप्तप्राय प्रजातियों और संरक्षण के अभाव में विलुप्त होने की कगार पर रहने वाले जानवरों के लिए भी है। आइए जानें किन तरीकों से इस दिन को सार्थक बनाया जा सकता है।
खरीदने की बजाय गोद लें
जब आप पालतू जानवरों की खरीदारी करते हैं तो आप अनैतिक प्रजनन संस्कृति को प्रोत्साहित करते हैं। इसी तहर अगर आप किसी एक पालतू जानवर को गोद लेते हैं तो आप एक ऐसे जीवन को बचाते हैं जिसे छोड़ दिया गया है या जिसके साथ दुर्व्यवहार किया गया है। इस विश्व पशु दिवस पर अगर आप अपने घर में एक नया सदस्य शामिल करना चाहते हैं तो किसी कुत्ते या फिर बिल्ली जैसे पालतू जानवर को गोद लें।
टीकाकरण है जरूरी
भारत में असंख्य आवारा कुत्ते, बिल्लियां और अन्य जानवर हैं जो विभिन्न पुरानी और घातक बीमारियों से पीड़ित हैं। इनके लिए विश्व पशु दिवस के अवसर पर दिल्ली में डॉग फिडर्स, पशु चिकित्सक और अन्य नागरिक 9 अक्टूबर तक टीकाकरण अभियान चला रहे हैं और आप इनका हिस्सा बनकर ज्यादा से ज्यादा जानवरों का टीकाकरण करवा सकते हैं। ये लोग दिल्ली समेत नोएडा की विभिन्न जगहों पर जाकर जानवरों का टीकाकरण करवाएंगे।
अपने आस-पास घूमने वाले जानवरों को खाने के लिए दें
इंसानों के साथ-साथ जानवरों के लिए भी शारीरिक रूप से सक्रिय रहना बहुत जरूरी है और इसमें स्वास्थ्यवर्धक खान-पान उनकी काफी मदद कर सकता है। आपने अक्सर गली में घूमने वाले कुत्ते या फिर बिल्लियों को कचरे में से अपने लिए खाना जुटाते हुए देखा होगा, लेकिन वे चीजें उनके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसलिए बेहतर होगा कि आप अपनी गली के एक या दो कुत्तों को थोड़ा दूध आदि का सेवन करवाएं।
कचरे को सही जगह पर डालें
भारत में घरों के बाहर, सड़कों पर, पार्कों और जल निकायों में कचरे का ढेर होना बहुत आम है। विशेषज्ञों का कहना है, "न सिर्फ प्लास्टिक और अन्य धातु को खत्म होने में सालों लगते हैं, यह जानवरों के लिए एक बड़ा खतरा हो सकता है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें प्लास्टिक जैसी चीजों से जानवरों की मौत हुई या फिर उन्हें गंभीर चोट लगी।" इसलिए हमेशा कचरे को सही ढंग से फेंकने का संकल्प लें।
जंगल को बचाने की ओर बढ़ाएं कदम
अगस्त 2022 में प्रकाशित एक रिपोर्ट से पता चला कि 37 राज्यों में लगभग 7,40,973 हेक्टेयर वन भूमि पर कब्जा कर लिया गया है। एनिमल एक्टिविस्ट सारा श्रीनिवासन ने बताया, "अरावली रेंज में फार्महाउस बनाने वाले लोग वनस्पतियों और जीवों के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर रहे हैं। उनका कचरा जानवरों को नुकसान पहुंचाने का कारण बन रहा है।" श्रीनिवासन ने कहा, ''कचरा लैंडफिल वन्यजीवों और पर्यावरण के लिए खतरा है।''