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बुधवार दोपहर तक महाराष्ट्र के तटीय इलाकों से टकरा सकता है चक्रवात निसर्ग, अलर्ट जारी

बुधवार दोपहर तक महाराष्ट्र के तटीय इलाकों से टकरा सकता है चक्रवात निसर्ग, अलर्ट जारी

Jun 02, 2020
11:01 am

क्या है खबर?

पश्चिम बंगाल और ओडिशा अभी अम्फान चक्रवात के कहर से बाहर निकल ही रहे थे कि एक और चक्रवात निसर्ग ने पश्चिमी तट पर दस्तक दे दी है। मौसम विभाग के अनुसार, अरब सागर में दबाव बन रहा है, जो चक्रवात में बदलकर बुधवार दोपहर तक महाराष्ट्र के तटीय इलाकों से टकराएगा। मुंबई, ठाणे, पालघर और रायगढ़ में निसर्ग चक्रवात निसर्ग का विशेष प्रभाव देखा जाएगा, वहीं गुजरात के तटीय इलाकों में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है।

तैयारी

NDRF को किया गया अलर्ट

निसर्ग तेजी से देश के पश्चिमी इलाकों की तरफ बढ़ रहा है। मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि यह उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने के बाद यह चक्रवात बुधवार दोपहर या शाम तक महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के हरिहरेश्वर और दमन के बीच उत्तर महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तटीय इलाकों से टकरा सकता है। इसे देखते हुए राज्य सरकारें और केंद्र सरकार ने तैयारियां करनी शुरू कर दी है। साथ ही NDRF को अलर्ट कर दिया गया है।

जानकारी

95-105 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी हवाएं

निसर्ग के तटीय इलाकों के टकराने के समय हवाओं की गति 95-105 किलोमीटर प्रतिघंटे रहने की अनुमान है। 4 जून तक यह चक्रवात कमजोर पड़ जाएगा और हवाओं की रफ्तार 60-70 किलोमीटर प्रति घंटे रह सकती है।

असर

कहां-कहां होगा निसर्ग का असर

अभी तक तटीय इलाकों से काफी दूर गहरे दबाव वाले क्षेत्र बन रहे हैं। यह धीरे-धीरे तटीय इलाकों की तरफ बढ़ेगा। अनुमान लगाया जा रहा है मुंबई, ठाणे, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिले चक्रवात के रास्ते में आएंगे। इन इलाकों में 4 जून तक भारी बारिश होने का अनुमान है। खतरों को देखते हुए इन इलाकों में NDRF की टीमों को तैनात कर दिया गया है। साथ ही मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।

आश्वासन

केंद्र ने राज्यों को दिया हरसंभव मदद का भरोसा

निसर्ग को लेकर की जा रही तैयारियों का जायजा लेने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बात की केंद्र की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। साथ ही शाह ने मौसम विभाग, NDRF, NDMA और भारतीय तटरक्षक बल के अधिकारियों के साथ बैठक की और उनसे हालात का जायजा लेकर जरूरी दिशानिर्देश दिए।

खतरा

अम्फान से कमजोर, लेकिन खतरा बरकरार

किसी भी चक्रवात की गंभीरता को उनके दौरान चलने वाली हवाओं की रफ्तार से नापा जाता है। निसर्ग जिस समय तट से टकराएगा, उस वक्त हवाओं की रफ्तार 95-105 किमी प्रति घंटा रह सकती है। दूसरी तरफ पिछले महीने पश्चिम बंगाल में तबाही लाने वाले अम्फान के साथ 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही थी। निसर्ग दूसरी श्रेणी का चक्रवात होगा, जबकि अम्फान चौथी श्रेणी में था।

आफत

कोरोना से जूझ रहे राज्यों के लिए आफत बनकर आएगा निसर्ग

महाराष्ट्र और गुजरात इस समय कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित हैं। संक्रमण के मामले में महाराष्ट्र पहले और गुजरात चौथे स्थान पर है। ऐसे समय में निसर्ग दोनों राज्यों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है। दोनों राज्यों का ध्यान इस समय महामारी के संक्रमण को नियंत्रित करने पर है। ऐसी स्थिति में चक्रवात नई मुसीबत पैदा कर रहा है। चक्रवात की वजह से केरल, लक्षद्वीप, कर्नाटक और गोवा के कुछ हिस्सों में भी तेज बारिश होगी।

पश्चिम बंगाल

अम्फान ने ली थी 80 से ज्यादा जानें

पिछले महीने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में तबाही लाने वाले चक्रवात अम्फान में 80 से ज्यादा लोगों की जानें गईं थीं और करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ था। अम्फान दो दशकों में बंगाल की खाड़ी में उठा सबसे भयंकर चक्रवात था। इससे हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी महीनों बाद दिल्ली से बाहर निकलकर पश्चिम बंगाल और ओडिशा गए थे। उन्होंने पश्चिम बंगाल को 1,000 करोड़ और ओडिशा को 500 करोड़ रुपये का राहत पैकेज दिया था।