सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की अर्णब गोस्वामी की याचिका, CBI को ट्रांसफर नहीं होगी जांच
क्या है खबर?
रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है।
कोर्ट ने पालघर मामले में प्रसारित किए गए एक कार्यकम के बाद उनके खिलाफ दर्ज कराई गई पहली FIR को रद्द करने से इनकार कर दिया है।
इसके अलावा उनके द्वारा मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को स्ट्रांसफर करने की याचिका को भी खारिज कर दिया है।
बता दें कि कोर्ट ने गत 11 मई फैसला सुरक्षित रख लिया था।
शुरुआत
पालघर लिंचिंग मामले में कार्यक्रम प्रसारित होने के बाद दर्ज हुई थी FIR
बता दें कि महाराष्ट्र के पालघर में पुलिस की मौजूदगी में दो अखाड़ा साधुओं सहित तीन लोगों की लिंचिंग किए जाने के मामले में अर्नब गोस्वामी ने एक समाचार कार्यक्रम प्रसारित किया था।
इसमें उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर भी टिप्पणी की थी। इसके बाद देश के विभिन्न थानों में उनके खिलाफ साप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का मामला दर्ज किया गया था। इसी तरह मुंबई के बांद्रा थाने में उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई थी।
राहत
कोर्ट ने सुरक्षा की अवधि तीन सप्ताह के लिए बढ़ाई
गोस्वमी को FIR को रद्द नहीं किए जाने और जांच को भी ट्रांसफर नहीं किए जाने का झटका लगने के साथ एक राहत जरूर मिली है।
कोर्ट ने उनको गिरफ्तारी से बचने के लिए दी गई अंतरिम राहत को तीन सप्ताह के लिए बढ़ा दिया है। इस दौरान वह अपने बचाव के लिए प्रयास कर सकते हैं।
इसी प्रकार कोर्ट ने पुलिस आयुक्त को गोस्वामी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं।
दलील
फैसला सुनाते समय कोर्ट ने दी यह दलील
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एमआर शाह की बेंच ने गोस्वामी को शुरुआती प्राथमिकी निरस्त कराने के लिए उन्हें सक्षम अदालत का रुख करने के लिए कहा है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि पत्रकारिता की आजादी बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी का मूल आधार है। कोर्ट ने पहली FIR के बाद दर्ज हुई अन्य सभी FIR को रद्द कर दिया है।
इसके अलावा जांच CBI को ट्रांसफर नहीं करने से अब पहली FIR की जांच ब्रांद्रा पुलिस ही करेगी।
याचिका
पुलिस की निष्पक्षता पर संदेह जताते हुए की थी मामला ट्रांसफर करने की मांग
बता दें कि गोस्वामी ने गत दिनों अपने वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे के जरिए कोर्ट में याचिका दायर करते हुए मामले को राजनीति से प्रेरित बताया था।
उन्होंने कहा था कि आपराधिक जांच का मकसद पत्रकारिता के लिए उनके मुवक्किल को परेशान करना है।
गत 25 अप्रैल को भी पुलिस ने गोस्वामी से 12 घंटे लंबी पूछताछ की गई थी।
उन्होंने पुलिस की निष्पक्षता पर संदेह जताते हुए मामले की जांच CBI को ट्रांसफर करने की मांग की थी।
जानकारी
महाराष्ट्र सरकार ने लगाया था गोस्वामी पर आरोप
गोस्वामी द्वारा याचिका दायर किए जाने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने भी वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बज के जरिए सुप्रीम कोर्ट में आरोप लगाया था कि गोस्वामी शीर्ष अदालत द्वारा प्राप्त संरक्षण का दुरुपयोग कर रहे हैं और पुलिस को धमका रहे हैं।
हमला
पालघर मामले में कार्यक्रम प्रसारित किए जाने के बाद गोस्वामी पर हुआ था हमला
बता दें कि पालघर मामले में टीवी पर समाचार कार्यक्रम प्रसारित करने के बाद दो बाइक सवारों ने रात को उनकी कार पर हमला कर दिया था।
उस दौरान कार के शीशे बंद होने पर आरोपियों ने कार पर काली स्याही फेंक दी थीं। बाद में आरोपियों को पुलिस ने पकड़ लिया था।
गोस्वामी में इस संबंध में मामला दर्ज करान के बाद घटना के लिए गोंस्वामी ने घटना के लिए यूथ कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया था।