बिहार: दिल्ली से वापस लौटे हर चार प्रवासी मजदूरों में एक कोरोना वायरस से संक्रमित
प्रवासी मजदूरों के वापस लौटने के साथ ही उनके गृह राज्यों में कोरोना वायरस के मामले बढ़ेंगे, इसकी संभावना पहले से ही जताई जा रही थी, लेकिन अब बिहार से जो आंकड़े सामने आए हैं, वह दिखाते हैं कि चुनौती कितनी बड़ी है। बिहार में अब तक दूसरे राज्यों से वापस आए प्रवासी मजदूरों में से आठ प्रतिशत को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जा चुका है। दिल्ली से आए मजदूरों में ये आंकड़ा 26 प्रतिशत है।
श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों और बसों के जरिए वापस लाए जा रहे मजदूर
बता दें कि लॉकडाउन में काम और खाने-पीने की कमी के कारण करोड़ों प्रवासी मजदूर अपने गृह राज्य वापस लौट रहे हैं। इनमें से कई पैदल ही अपने घरों को निकल पड़े हैं, वहीं सरकारों की तरफ से भी श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनें और बसें चलाई जा रही हैं। बिहार, उत्तर प्रदेश और ओडिशा आदि राज्यों में सबसे अधिक मजदूर वापस लौटे हैं और उनकी वापसी के साथ इन राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
बिहार में वापस आए मजदूरों में से 8,337 का किया गया टेस्ट
बिहार में 18 मई तक वापस आए मजदूरों में से 8,337 का कोरोना वायरस टेस्ट किया जा चुका है और इनमें से लगभग आठ प्रतिशत को संक्रमित पाया गया है। सबसे बुरी स्थिति दिल्ली की है। यहां से वापस आए मजदूरों में से 835 का टेस्ट किया गया जिसमें से 218 (लगभग 26 प्रतिशत) को संक्रमित पाया गया है। ये दिल्ली की सात प्रतिशत पॉजिटिविटी रेट से काफी अधिक है।
अन्य राज्यों से वापस आए मजदूरों का ये हाल
अगर अन्य राज्यों से वापस आए मजदूरों की बात करें तो पश्चिम बंगाल से वापस आए मजदूरों में से 265 का टेस्ट किया गया और इसमें से 33 यानि 12 प्रतिशत को संक्रमित पाया गया है। हरियाणा से वापस आए मजदूरों में से 290 का टेस्ट किया गया जिनमें से 36 यानि नौ प्रतिशत को संक्रमित पाया गया। महाराष्ट्र से वापस आए मजदूरों में से 1,283 का टेस्ट किया गया जिनमें से 141 को संक्रमित पाया गया है।
क्या दिल्ली में हो रहा कम्युनिटी ट्रांसमिशन?
प्रवासी मजदूरों के इतनी बड़ी संख्या में संक्रमित पाए जाने का बिहार पर तो असर पड़ेगा ही, लेकिन दिल्ली के लिए भी इन आंकड़ों का एक विशेष महत्व है। दिल्ली से वापस आए मजदूरों के इतनी बड़ी संख्या में संक्रमित पाए जाने के बाद शहर में कम्युनिटी ट्रांसमिशन की आशंका जताई जा रही है। हालांकि दिल्ली सरकार कम्युनिटी ट्रांसमिशन की बात से इनकार कर रही है और उसका कहना है कि मजदूरों को रास्ते में संक्रमण लगा होगा।
गुजरात से वापस आए मजदूरों में 11 प्रतिशत पॉजिटिविटी रेट
वहीं गुजरात से वापस आए मजदूरों में से 1,283 के सैंपल लिए गए जिनमें से 141 यानि 11 प्रतिशत को संक्रमित पाया गया। इसी तरह उत्तर प्रदेश से वापस आए मजदूरों में टेस्ट पॉजिटिविटी रेट तीन प्रतिशत, राजस्थान से वापस आए मजदूरों में 3.7 प्रतिशत, कर्नाटक से वापस आए मजदूरों से तीन प्रतिशत, केरल से वापस आए मजदूरों में 1.8 प्रतिशत, तमिलनाडु से वापस आए मजदूरों में 3.5 प्रतिशत और तेलंगाना से वापस आए मजदूरों में 1.6 प्रतिशत रहा।