कोरोना वायरस: बढ़ते संक्रमण को देख ICMR ने किया जांच की रणनीति में बदलाव
सरकार के अथक प्रयासों के बाद भी देश में कोरोना वायरस के संक्रमण की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है। प्रतिदिन कोरोना संक्रमितों की संख्या में होती रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी के कारण अब संक्रमितों का आंकड़ा 96,000 के पार पहुंच गया है। ऐसे में अब भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने टेस्ट को लेकर अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। इसमें अब जांच का दायरा और बढ़ा दिया गया है।
ILI के लक्षण रखने वाले मरीजों की होगी जांच
ICMR ने अपनी संशोधित रणनीति के तहत अब देश में इन्फ्लुएंजा लाइक इलनेस (ILI) वाले मरीजों की भी जांच करने का आदेश दिया है। अब ILI के लक्षण वाले सभी प्रवासी या जो दूसरे राज्यों से घर लौटने वाले लोगों का सात दिन में टेस्ट किया जाएगा। इसी तरह सभी ILI मरीज और अस्पतालों में भर्ती ILI लक्षण वाले सभी मरीजों की भी जांच की जाएगी। इसी तरह सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (SARI) वाले मरीजों की भी जांच की जाएगी।
कोरोना लक्षण वाले सभी स्वास्थ्यकर्मियों की भी की जाएगी जांच
ICMR ने अपनी संशोधित रणनीति के तहत अब वो कोरोना लक्षण दिखाने वाले सभी चिकित्साकर्मी और कंटेनमेंट जोन्स से जुड़े सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स की भी कोरोना जांच की जाएगी। इसी तरह कोरोना संक्रमितों के सीधे संपर्क में आए बिना लक्षण रखने वाले लोगों की पांच से 10 दिन के भीतर जांच करना अनिवार्य होगा। पूर्व में यह समयावधि पांच से 14 दिन की थी, जिसे अब घटाकर 10 दिन कर दिया गया है। ऐसे में अब जांच में तेजी आएगी।
ILI का इन मरीजों का होगा RT-PCR टेस्ट
ICMR के एक अधिकारी ने बताया कि ILI के ऐसे मरीज जिन्हें 100.4 फॉरेन्हाइट या 38 डिग्री सेल्सीयस बुखार और खांसी होगी, उनका RT-PCR टेस्ट ही किया जाएगा। इसी कंटेनमेंट और हॉट स्पॉट मे रहने वाले संदिग्धों की भी जांच की जाएगी।
गंभीर स्थिति वाले मरीजों के उपचार में नहीं की जाएगी देरी
ICMR ने अपनी संशोधित रणनीति के तहत अब अस्पतालों में आने वाले गंभीर बीमारी के मरीज, गर्भवती महिलाओं के उपचार में कोरोना जांच को लेकर देरी नहीं की जाएगी। चिकित्सकों को पहले उन्हें उपचार मुहैया कराना होगा। इस दौरान यदि उन्हें लगता है कि मरीज की जांच कराना भी आवश्यक है तो वह जांच के लिए मरीज का सैंपल भेज सकते हैं, लेकिन जांच के कारण उनके उपचार में किसी भी प्रकार की देरी नहीं की जा सकती है।
ICMR अधिकारी रणनीति बदलने के लिए पीछे यह बताया कारण
ICMR के अधिकारी ने बताया कि अथक प्रयासों के बाद भी देश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में उन्होंने जांच की रणनीति में बदलाव करने का निर्णय किया है। उन्होंने बताया कि नई रणनीति के तहत अब अधिक से अधिक लोगों की जांच की जाएगी और कोरोना संक्रमण की संभावना वाला कोई व्यक्ति जांच से नहीं बच पाएगा। इससे संक्रमण वाले लोग सामने आ सकेंगे और अन्य लोगों को बचाया जा सकेगा।
भारत में यह है कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति
देश में बीते 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के कुल 5,242 नए मामले सामने आने से संक्रमितों की कुल संख्या 96,169 हो गई है। इसी तरह 157 नई मौतों के बाद जान गंवाने वालों का आंकड़ा 3,029 हो गया है।देश में वर्तमान में 56,316 एक्टिव केस हैं और 36,824 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है। महाराष्ट्र में संक्रमितों की कुल संख्या 33,053 हो गई हैं और राज्य में अब तक 1,198 की मौत हुई है।