PFI के ठिकानों पर छापेमारी का दूसरा दौर जारी, 170 से अधिक लोग गिरफ्तार
क्या है खबर?
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के ठिकानों पर जांच एजेंसियों की छापेमारी जारी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, असम, कर्नाटक, दिल्ली और महाराष्ट्र में राज्य पुलिस PFI के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है और अब तक 170 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
दरअसल, केंद्रीय एजेंसियों को जानकारी मिली थी कि पहले हुई छापेमारी के विरोध में PFI 'हिंसक प्रदर्शनों की योजना' बना रहा है।
जानकारी
क्या है PFI?
PFI एक चरमपंथी इस्लामिक संगठन है और यह खुद को पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हक में आवाज उठाने वाला संगठन बताता है।
यह संगठन पहली बार 22 नवंबर, 2006 को केरल में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF) के मुख्य संगठन के रूप में अस्तित्व में आया था।
उस दौरान संगठन ने दिल्ली के रामलीला मैदान में नेशनल पॉलिटिकल कांफ्रेंस आयोजित कर सुर्खियां भी बटोरी थीं।
पिछले दिनों देश में हुई कई सांप्रदायिक हिंसाओं में उसका नाम आ चुका है।
कार्रवाई
करीब 200 ठिकानों पर जारी है छापेमारी
न्यूज18 ने लिखा है कि सात राज्यों में करीब 200 ठिकानों पर छापेमारी जारी है और सुबह 6 बजे तक PFI से जुड़े 170 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
एक दिन पहले खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली थी कि PFI सरकारी एजेंसियों, भाजपा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नेताओं और उनके संगठन को निशाना बनाने की योजना तैयार कर रहा है।
कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि केंद्रीय एजेंसियां भी आज की छापेमारी में शामिल हैं।
जानकारी
खुफिया एजेंसियों को क्या जानकारी मिली?
खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली थी PFI कैडर अपने वरिष्ठ नेताओं की गिरफ्तारी से नाखुश है और वह शांति और स्थिरता को भंग करने के लिए हिंसक रास्ता अपना सकता है। कैडर ने सरकार के खिलाफ हिंसक तरीके से प्रतिक्रिया देने का मन बनाया है।
यह भी बताया जा रहा है कि पहले गिरफ्तार हुए PFI नेताओं से जांच एजेंसियों को अहम जानकारी मिली है, जिसके आधार पर आज की कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है।
कार्रवाई
बीते गुरुवार को हुई थी बड़ी कार्रवाई
बीते गुरुवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 10 से अधिक राज्यों में PFI से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी कर 100 नेताओं को गिरफ्तार किया था। NIA के अलावा प्रवर्तन निदेशालय (ED) और राज्य पुलिस भी इस कार्रवाई में शामिल रही। इसे PFI के खिलाफ जांच एजेंसियों की सबसे बड़ी कार्रवाई कहा गया था।
जांच एजेंसियों ने PFI के राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय और स्थानीय नेताओं के घरों के अलावा राज्य समितियों के कार्यालयों पर छापेमारी की थी।
जानकारी
लंबे समय से हो रही है PFI पर प्रतिबंध लगाने की मांग
कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल होने के कारण पिछले काफी समय से PFI पर प्रतिबंध लगाने की मांग की जा रही है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय भी इस पर विचार कर रहा है और गुरूवार को भी गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल समेत अन्य अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की।
सत्तारूढ़ भाजपा भी PFI पर हिंदू संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं की हत्या का आरोप लगा चुकी है।