NIA की 10 से ज्यादा राज्यों में छापेमारी, PFI के 100 नेता और पदाधिकारी गिरफ्तार
क्या है खबर?
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गुरुवार सुबह कथित तौर पर आतंकी गतिविधियों का समर्थन करने वाले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और दूसरे संगठनों के खिलाफ छापेमारी अभियान शुरू किया है।
अधिकारियों ने बताया कि अब तक के सबसे बड़े इस अभियान में उत्तर प्रदेश, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु समेत 10 राज्यों में PFI के ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी जानकारी आ रही है।
जानकारी
PFI के नेताओं के ठिकानों और कार्यालयों पर छापेमारी
अधिकारियों ने बताया कि आज तक की सबसे बड़ी जांच में कथित तौर पर आतंकी फंडिंग, ट्रेनिंग कैंप आयोजित करने वाले और लोगों को प्रतिबंधित संगठनों में भर्ती करने के लिए उकसाने वाले लोगों और परिसरों में छापेमारी जारी है।
PFI के राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय और स्थानीय नेताओं के घरों के अलावा राज्य समितियों के कार्यालयों पर छापेमारी की जा रही है।
PFI ने इसका विरोध करते हुए इसे सरकार के आलोचकों का मुंह बंद कराने की कोशिश बताया है।
कार्रवाई
100 से अधिक गिरफ्तारियां
प्रवर्तन निदेशालय (ED) और स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर NIA यह जांच अभियान चला रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अभी तक PFI से जुड़े 100 नेताओं और पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
बता दें मंगलवार को तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में 38 जगहों पर जांच के बाद NIA ने PFI के चार पदाधिकारियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत मुकदमा दर्ज किया था।
जानकारी
कई जगहों पर छापेमारी कर चुकी है NIA
NIA पिछले कई दिनों से अलग-अलग जगहों पर PFI से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से पहले एजेंसी ने बिहार में 30 जगहों पर छापा मारा था। यह छापेमारी एक आतंकी मॉड्यूल की जांच के सिलसिले में हुई थी।
जांच
जुलाई में हुआ था आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश
इसी साल जुलाई में बिहार पुलिस ने पटना के फुलवारी शरीफ में एक संदिग्ध आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया था।
इस मॉड्यूल के PFI के साथ संबंध बताए थे। पुलिस को आरोपियों के पास से 'इंडिया विजन 2047' नामक आठ पन्नों का दस्तावेज मिला था, जिसमें 'कायर बहुसंख्यक समुदाय को गुलाम बनाने और पुराना गौरव वापस प्राप्त करने' की बात लिखी गई थी।
गृह मंत्रालय ने इसकी जांच NIA को सौंपी है।
जानकारी
PFI को कट्टरपंथी संगठन बता चुका है केरल हाई कोर्ट
PFI पर पिछले काफी समय से देश की सुरक्षा एजेंसियों की नजरें टिकी हुई हैं। रामनवमी के मौके पर देश के कई हिस्सों में हुई सांप्रदायिक हिंसा के पीछे भी PFI का हाथ होने की बात सामने आई थी।
इसी साल मई में केरल हाई कोर्ट ने कहा था कि PFI और इसकी राजनीतिक शाखा SDPI कट्टरपंथी संगठन है और हिंसा के कई गंभीर मामलों में इनका नाम सामने आया है।
PFI
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
PFI एक चरमपंथी इस्लामिक संगठन है जो खुद को पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हक में आवाज उठाने वाला संगठन बताता है।
वह पहली बार 22 नवंबर, 2006 को केरल में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF) के नाम से अस्तित्व में आया था। तब उसने संगठन ने दिल्ली के रामलीला मैदान में नेशनल पॉलिटिकल कांफ्रेंस आयोजित कर सुर्खियां भी बटोरी थीं।
कई सांप्रदायिक हिंसाओं में PFI का नाम आ चुका है और सरकार PFI पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है