कानपुर हिंसा: पत्थरबाजों को दिए गए थे 500-1,000 रुपये, बम फेंकने के लिए 5,000 रुपये- SIT
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश के कानपुर में पिछले महीने नमाज के बाद हुई हिंसा की जांच में कई सनसनीखेज बातें सामने आई हैं।
मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (SIT) ने अपनी केस डायरी में दावा किया है कि इस हिंसा की साजिश पहले से रची गई थी और उपद्रवियों को हिंसा करने के लिए पैसे दिए गए थे।
SIT के अनुसार, हिंसा में पत्थर फेंकने से लेकर पेट्रोल बम फेंकने तक के रेट तय थे।
पृष्ठभूमि
कानपुर में क्या हुआ था?
कानपुर में 3 जून को जुमे की नमाज के बाद हिंसा भड़क गई थी। पूर्व भाजपा नेता नुपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी के विरोध में बुलाए गए बाजार बंद के दौरान ये हिंसा हुई थी।
ये हिंसा ऐसे समय पर हुई थी जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कानपुर देहात के दौरे पर आए हुए थे।
दोनों तरफ से हुई पत्थरबाजी में लगभग 30 लोग घायल हुए थे और 13 पुलिसकर्मियों को चोटें आई थीं।
फंडिंग
हिंसा से पहले आरोपियों ने इकट्ठा किए थे 1 करोड़ रुपये
अब SIT ने कोर्ट में दाखिल की गई अपने केस डायरी में जफर हयात हाशमी को इस पूरी हिंसा का मास्टरमाइंड बताया है और मुख्तार बाबा और हाजी मोहम्मद वशी पर इसे फंड करने का आरोप लगाया है।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, केस डायरी में बताया गया है कि हिंसा से पहले इन तीनों ने एक करोड़ से अधिक रुपये इकट्ठा किए थे और इन्हीं पैसों से पत्थरबाजों को भुगतान किया गया था।
रेट
पत्थर फेंकने वालो को दिए गए 500 से 1,000 रुपये
SIT ने दावा किया है कि कानपुर हिंसा में पत्थर फेंकने वाले उपद्रवियों को 500 से 1,000 रुपये दिए गए थे, वहीं पेट्रोल बम फेंकने वालों को 5,000 रुपये दिए गए थे।
केस डायरी में इन उपद्रवियों को सात से आठ महीने की ट्रेनिंग प्रदान किए जाने का दावा भी किया गया है। इसके अलावा पकड़े जाने पर उन्हें पूरी कानूनी मदद प्रदान करने का आश्वासन भी दिया गया था।
अन्य संगठन
हिंसा में PFI के शामिल होने का दावा कर चुकी है पुलिस
इससे पहले पुलिस हिंसा में इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के शामिल होने का दावा भी कर चुकी है। उसके तीन कार्यकर्ताओं, सैफउल्लाह, मोहम्मद नसीम और मोहम्मद उमर, को 9 जून को गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस का दावा है कि इन तीनों ने हिंसा के लिए उपद्रवियों को इकट्ठा किया था और ये मुख्य साजिशकर्ता हयात हाशमी के संपर्क में थे।
अभी तक मामले में 40 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।