फडणवीस के इस्तीफे के एक दिन बाद अजित पवार को विदर्भ सिंचाई घोटाले में क्लीन चिट
क्या है खबर?
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता अजित पवार को 17,700 करोड़ रुपये के विदर्भ सिंचाई घोटाले में महाराष्ट्र की भ्रष्टाचार विरोधी शाखा (ACB) की ओर से क्लीन चिट मिल गई है।
अजित को ये क्लीन चिट 26 नवंबर को देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे के एक दिन बाद मिली।
27 नवंबर को बॉम्बे हाई कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में महाराष्ट्र ACB ने कहा है कि मामले में अजित पर कोई आपराधिक मुकदमा नहीं बनता।
आरोप
अजित पर था सिंचाई परियोजनाओं की लागत बढ़ाने का आरोप
विदर्भ सिंचाई घोटाले में अजित पवार पर 32 सिंचाई परियोजनाओं की लागत तीन महीने के अंदर 17,700 करोड़ रुपये बढ़ाने के आरोप थे।
अजित 1999 से 2009 तक महाराष्ट्र के सिंचाई मंत्री थे और ये आरोप इसी दौरान के हैं।
2018 में दायर अपने पिछले हलफनामे में महाराष्ट्र ACB ने घोटाले में अजित का हाथ होने की बात कही थी।
लेकिन अब अपने नए हलफनामे में उसने अजित को क्लीन चिट दे दी है।
जानकारी
ACB ने कहा, अजित पर नहीं बनता आपराधिक मुकदमा
नए हलफनामे में महाराष्ट्र ACB ने कहा है, "जांच के दौरान इकट्ठे किए गए तथ्यों और सबूतों को मद्देनजर रखते हुए ये सामने आता है कि मामले में VIDC के चेयरमैन (जल संसाधन विभाग के मंत्री) पर कोई आपराधिक जिम्मेदारी नहीं बनती।"
हलफनामा
अजित के खिलाफ नहीं मिला कोई भी कागजी या मौखिक सबूत
हलफनामे में कहा गया है कि ज्यादातर टेंडरों की लागत में 5 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई और इन्हें VIDC के कार्यकारी निदेशक और कुछ मामलों में सचिव ने मंजूरी दी थी।
इसमें लिखा है, "इस बात का कोई सबूत नहीं है कि सचिव ने मंत्री (अजित पवार) को लागत में वृद्धि को सूचित किया था। पैसों के लेनदेन में कुछ भी गलत नहीं पाया गया और मंत्री के खिलाफ कोई भी कागजी या मौखिक सबूत नहीं है।"
प्रतिक्रिया
फडणवीस ने जताई क्लीन चिट पर हैरानी
अजित पवार को मिली इस क्लीन चिट पर प्रतिक्रिया देते हुए फडणवीस ने इस पर हैरानी जताई है।
उन्होंने कहा, "ये बहुत हैरान करने वाला है। ACB द्वारा दायर एक हलफनामे का दूसरा हलफनामा खंडन कैसे कर सकता है? मैं इसका विरोध करता हूं और मुझे पूरी उम्मीद है कि कोर्ट भी इसे स्वीकार नहीं करेगी।"
फडणवीस ने इस हलफनामे की पहले से कोई जानकारी होने की बात से इनकार किया।
सिंचाई घोटाला
क्या है महाराष्ट्र सिंचाई घोटाला?
70,000 हजार करोड़ रुपये के महाराष्ट्र सिंचाई घोटाले में विदर्भ और कोंकण की 44 सिंचाई परियोजनाओं की जांच हो रही है। घोटाले में अब तक 23 FIR और पांच चार्जशीट दाखिल हो चुकी हैं।
कोंकण की बालगंगा परियोजना में भी अजित की भूमिका की जांच हो रही है, लेकिन मामले में अभी तक उन पर आरोप तय नहीं हुए हैं।
घोटाले से छुड़ी किसी भी FIR में उनका नाम नहीं है और उनके खिलाफ जांच अभी शुरूआती स्तर पर है।