सुप्रीम कोर्ट ने तीन करोड़ राशन कार्डों के निरस्तीकरण को माना गंभीर, केंद्र से मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को राशन कार्डों के निरस्तीकरण के कारण भुखमरी से मौतें होने खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई हुई। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड से लिंक नहीं होने पर करीब तीन करोड़ राशन कार्डों के निरस्तीकरण को बेहद गंभीर माना है। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने मामले में केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है। कोर्ट ने कहा कि जवाब दाखिल होने के बाद मामले में आगे की सुनवाई की जाएगी।
बेटी की मौत को लेकर कोइली देवी ने दायर की थी याचिका
बता दें कि झारखंड में सिमडेगा जिला निवासी कोइली देवी की 11 वर्षीय बेटी संतोषी की 28 सितंबर, 2018 को भुखमरी के कारण मौत हो गई थी। संतोषी की बहन गुडिया मामले में संयुक्त याचिकाकर्ता है। कोइली देवी ने वरिष्ठ अधिवक्ता की कॉलिन गोंसाल्विस जरिए एक जनहित याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि उसकी बेटी की मौत भुखमरी से हुई थी। अधिकारियों ने आधार कार्ड से लिंक नहीं होने पर उनका राशन कार्ड निरस्त कर दिया था।
राशन बंद होने से परिवार के सामने आई थी भुखमरी की नौबत
याचिका में कहा गया कि राशन कार्ड निरस्त करने से मार्च 2017 से उन्हें राशन मिलना बंद हो गया। इससे परिवार के सामने भूखे मरने की नौबत आ गई थी। संतोषी की मौत के दिन उनके पास खाने को सिर्फ चाय और नमक बचा था।
राशन कार्ड निरस्त करना है बहुत गंभीर मामला- सुप्रीम कोर्ट
मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यन की पीठ ने कहा कि इस मामले को प्रतिकूल नहीं माना जाना चाहिए, क्योंकि यह बहुत गंभीर मामला है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उन्होंने इस तरह के मामले को बॉम्बे हाई कोर्ट में निपटा दिया है और उन्हें लगता है कि इस मामले को हाईकोर्ट में भेजना चाहिए। याचिकाकर्ता ने बहुत ही सर्वव्यापी राहत मांगी है और इस मामले का दायरा बढ़ा है।
अधिवक्ता गोंसाल्विस ने मामले को बताया बहुत ही गंभीर
अधिवक्ता गोंसाल्विस ने कहा कि राशन कार्डों को निरस्त करना बहुत गंभीर मामला है और इस पर तेजी से सुनवाई होनी चाहिए। इस पर पीठ ने कहा कि यह सिर्फ वह मानते हैं कि तीन करोड़ राशन कार्ड निरस्त किए गए हैं। ऐसे में वह अन्य किसी दिन मामले में सुनवाई करेंगे। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अमन लेखी ने गोंसाल्विस के दावे को पूरी तरह गलत ठहराया तो कोर्ट ने कहा वह केवल केंद्र से मामले में जवाब मांग रहे हैं।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने दी यह दलील
मामले में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल लेखी ने कहा कि केंद्र को पहले ही नोटिस जारी किया जा चुका है और केंद्र सरकार ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया भी दे दी है। जिसमें साफ कहा गया है कि मौतें भुखमरी के कारण नहीं हुई है। इस पर अधिवक्ता गोंसाल्विस ने कहा कि मुख्य याचिका पर नहीं बल्कि वैकल्पिक शिकायत निवारण पर नोटिस जारी किया गया है। वर्तमान में मुद्दा तीन करोड़ राशन कार्ड रद्द करने और भुखमरी से मौत का है।
सुप्रीम कोर्ट ने 9 दिसंबर, 2019 को जारी किया था नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने 9 दिसंबर, 2019 को राज्यों से उन लोगों की भुखमरी से मौत के आरोपों पर प्रतिक्रिया मांगी थी जो वैध आधार कार्ड नहीं होने के कारण राशन आपूर्ति से वंचित थे। उसके बाद सरकारों ने मौतों का करण भुखमरी होने से इनकार कर दिया था। अब कोर्ट ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 की धारा 14, 15 और 16 में शामिल शिकायतों के निवारण तंत्र के कार्यान्वयन के लिए केंद्र और राज्यों को नोटिस जारी किया है।