नागरिकता कानून: लखनऊ में प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं के खिलाफ "दंगा करने" का मामला दर्ज
क्या है खबर?
लखनऊ के प्रतिष्ठित घंटाघर पर नागरिकता कानून के खिलाफ धरना दे रहे दर्जनों प्रदर्शनकारियों पर दंगा करने और गैर-कानूनी तरीके से इकट्ठा होने के लिए मामला दर्ज किया गया है।
लखनऊ पुलिस ने उनके खिलाफ तीन आपराधिक मामले दर्ज किए हैं और जिन प्रदर्शनकारियों के नाम इनमें शामिल किए गए हैं उनमें अधिकांश महिलाएं हैं।
मशहूर शायर मुनव्वर राना की बेटियों, सुमैया राना और फौजिया राना, का नाम भी इन शिकायतों में शामिल है।
प्रदर्शन
शाहीन बाग की महिलाओं की तर्ज पर धरने पर बैठीं महिलाएं
गौरतलब है कि दिल्ली के शाहीन बाग की महिलाओं की तर्ज पर लखनऊ की लगभग 50 महिलाओं ने शुक्रवार रात को घंटाघर पर नागरिकता कानून के खिलाफ धरना शुरू किया था।
धीरे-धीरे और महिलाएं और बच्चे भी धरने में शामिल हो गए और प्रदर्शनकारियों की संख्या हजारों में पहुंच गई।
शनिवार को उत्तर प्रदेश पुलिस पर इन प्रदर्शनकारियों के लिए आए खाने और कंबलों को उठाकर ले जाने का आरोप लगा था और इसका वीडियो भी सामने आया था।
अन्य मामला
100 अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ भी मामला दर्ज
अब लखनऊ पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ तीन आपराधिक मामले दर्ज किए हैं और लगभग दर्जनभर प्रदर्शनकारियों पर दंगा करने की धारा लगाई है जिनमें मुनव्वर राना की दोनों बेटियां भी शामिल हैं।
इसके अलावा 100 अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सरकारी अधिकारी के आदेश का उल्लंघन करने और सरकारी कर्मचारियों को उनका कार्य करने से रोकने के लिए मारपीट और आपराधिक बल का उपयोग करने के लिए मामला दर्ज किया गया है।
जानकारी
महिला कॉन्स्टेबल की शिकायत के आधार पर दर्ज किए गए मामले
एक महिला कॉन्स्टेबल की शिकायत के आधार पर ये मामले दर्ज किए गए हैं। उसने आरोप लगाया था कि प्रदर्शनकारियों ने उसके साथ बदसलूकी और धक्का-मुक्की की। हालांकि, प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ का कोई भी मामला अभी तक सामने नहीं आया है।
विरोध प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश में हुई थी नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शनों के दौरान 21 लोगों की मौत
बता दें कि पिछले महीने संसद से नागरिकता कानून पारित होने के बाद पूरे देश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में भी बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे।
कुछ जगहों पर प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भी देखने को मिली थी। प्रदर्शनों के दौरान राज्य में 21 लोगों की मौत हुई जो पूरे देश में सबसे अधिक है।
इनमें से अधिकांश की मौत गोली लगने की वजह से हुई और मृतकों के परिजनों ने पुलिस पर गोली लगाने का आरोप लगाया था।
सवाल
पुलिस की कार्रवाई पर उठ रहे गंभीर सवाल
नागरिकता कानून विरोधी इन प्रदर्शनों के दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस के रवैये पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां पुलिस ने लोगों के घर जाकर तोड़फोड़ की और निर्दोष लोगों को गिरफ्तार किया।
पुलिस ने जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता सदर जाफर समेत कई लोगों पर हत्या की कोशिश और दंगा करने जैसे आरोप लगाए थे। लेकिन ज्यादातर मामलों में पुलिस कोर्ट के सामने सबूत पेश नहीं कर सकी और आरोपियों को जमानत मिल गई।