दिल्ली में जल्द दौड़ेगी पहली चालक रहित मेट्रो, प्रधानमंत्री दिखा सकते हैं हरी झंडी
क्या है खबर?
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) इतिहास रचने के करीब पहुंच गया है। वह अपनी चालक रहित मेट्रो ट्रेन की योजना के तहत इस महीने के अंत तक देश ही पहली चालक रहित मेट्रो सेवा का संचालन शुरू कर सकता है।
खास बात यह है कि इस ट्रेन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हरी झंडी दिखाए जाने की संभावना है। DMRC इस ट्रेन के संचालन के लिए जोर-शोर से तैयारी कर रहा है।
प्रस्ताव
DMRC ने प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजा है प्रस्ताव
इंडिया डॉट कॉम के अनुसार अधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि DMRC द्वारा देश की पहली चालक रहित ट्रेन का संचालन मजेंटा लाइन (जनकपुरी पश्चिम- बॉटनिकल गार्डन) पर करने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि DMRC ने आगामी 25 दिसंबर के आस-पास ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय को प्रस्ताव भी भेज दिया है। हालांकि, प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से अभी तक इस संबंध में पुष्टि नहीं की गई है।
शुरुआत
कब होगी चालक रहित ट्रेन की शुरुआत?
आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हमारी देश की पहली चालक रहित मेट्रो ट्रेन हरी झंडी दिखाए जाने के लिए तैयार है। हमने अपनी ओर से इसकी पूरी तैयारी कर ली है।"
उन्होंने आगे कहा, "क्रिसमस यानी 25 दिसंबर को चालक रहित ट्रेन शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं, क्योंकि उस दिन दिल्ली मेट्रो के संचालन सेवा के 18 साल पूरे होंगे। ट्रेन की शुरुआत DMRC के लिए बड़ी उपलब्धि होगी।"
जानकारी
DMRC ने 25 दिसंबर, 2002 को शुरू किया था परिचालन
बता दें कि DMRC ने 25 दिसंबर, 2002 को वाणिज्यिक परिचालन शुरू किया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने DMRC के पहले खंड का उद्घाटन किया था। जिसमें शाहदरा से टिस हजारी तक सिर्फ छह स्टेशनों के साथ 8.2 किमी का फैलाव था।
संचालन
किन लाइनों पर होगा चालक रहित ट्रेनों का संचालन?
DMRC ने फिलहाल अपने तीसरे चरण की मजेंटा और पिंक लाइन पर ही चालक रहित ट्रेनों के संचालन की योजना बनाई है। DMRC वर्तमान में 10 लाइनों के साथ 242 स्टेशनों पर ट्रेनों का नियमित संचालन करती है। इन ट्रेनों में प्रतिदिन 26 लाख यात्री यात्रा करते हैं।
हालांकि, शुरुआत में ट्रेनों में चालकों को अटेंडेंट के रूप में नियुक्ति किया जाएगा, लेकिन बाद में ट्रेनों के UTO में स्थानांतरित होने पर उन्हें हटा दिया जाएगा।
जानकारी
ट्रेनों के आवागमन को नियंत्रित करेंगा OCC
DMRC के एक अधिकारी ने पूर्व में बताया था कि नई ट्रेनें UTO मोड पर चलने के लिए पूरी तरह से उपयुक्त हैं। इनमें ट्रेन ऑपरेटरों की आवश्यकता नहीं होगी। इसके बाद संचालन नियंत्रण केंद्र (OCC) सीधे ट्रेनों की आवाजाही को नियंत्रित करेंगे।
सुविधा
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे चालक रहित ट्रेनों के कोच
DMRC के अधिकारियों के अनुसार चालक-रहित ट्रेनों में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस छह कोच होंगे। इन ट्रेनों में महत्वपूर्ण तकनीकी के साथ-साथ इको-फ्रेंडली अपग्रेड भी होंगे और इनमें आरामदायक यात्रा के लिए अन्य कई सुविधाएं भी जोड़ी गई है।
इसके अलावा ये ट्रेनें अधिकतम 95 किमी प्रति घंटा और औसतन 85 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकेंगी। इन ट्रेनों में बेहतर ब्रेकिंग सिस्टम, LED लाइटिंग और एयर कंडीशनिंग सिस्टम होगा।
क्षमता
एक ट्रेन में बैठ सकेंगे 2,280 यात्री
DMRC के अधिकारियों के अनुसार फेज तीन की 58 किमी लंबी मजलिस पार्क-शिव विहार (लाइन सात) और 38 किमी लंबे जनकपुरी पश्चिम- बॉटनिकल गार्डन (लाइन 8) पर चलने वाली चालक रहित ट्रेनों के प्रत्येक कोच में अधिकतम 380 यात्री और पूरी ट्रेन में 2,280 यात्री एकसाथ यात्रा कर सकेंगे।
केबिन रहित इन ट्रेनों में 40 अतिरिक्ति यात्री बैठ सकेंगे। इसका कारण है कि चालक रहित इन ट्रेनों में चालक केबिन नहीं होंगे।