महाराष्ट्र में रेप के दोषियों को होगी मौत की सजा, नया कानून बना रही उद्धव सरकार
क्या है खबर?
महाराष्ट्र कैबिनेट ने बुधवार को शक्ति आपराधिक कानून के मसौदे को हरी झंडी दिखा दी है।
इसमें रेप, एसिड अटैक और बाल यौन शोषण जैसे अपराधों के लिए मौत की सजा समेत कड़े दंडो का प्रावधान किया गया है।
अब इस ड्राफ्ट को सोमवार से शुरू होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा के दो दिवसीय शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने यह जानकारी दी है।
आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैंं।
जानकारी
सरकार ने पिछले साल की थी नया कानून बनाने की घोषणा
पिछले दिसंबर महाराष्ट्र सरकार ने ऐलान किया था कि वह आंध्र प्रदेश के दिशा कानून की तर्ज पर नया कानून बनाएगी, जिसमें रेप के लिए 10-20 की सजा की बजाय मौत की सजा का प्रावधान किया गया है।
मसौदा
जांच और ट्रायल के लिए विशेष टीम और अलग अदालतों की बात
महाराष्ट्र के कानून के मसौदे में जांच और ट्रायल को तय समय में पूरा करने का प्रावधान है।
साथ ही इसमें महिलाओं और बच्चों से जुड़े मामलों की जांच और ट्रायल के लिए विशेष पुलिस टीम और अलग अदालतें बनाने की बात कही गई है।
इसमें कहा गया है कि दोषी व्यक्ति को कम से कम 10 साल की सजा होगी और अगर वह घिनौना अपराध होता है तो उस मामले में मौत की सजा भी हो सकती है।
मसौदा
एसिड अटैक पीड़िताओं को 10 लाख के मुआवजे का प्रावधान
मसौदे में आगे लिखा गया है कि एसिड अटैक की पीड़िताओं को प्लास्टिक सर्जरी और इलाज के लिए 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। यह रकम दोषी से जुर्माने के तौर पर वसूली जाएगी।
विधानसभा से पारित होने के बाद इस मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
इसके साथ महाराष्ट्र सरकार ने मामलों की जांच और ट्रायल में तेजी लाने के लिए क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (CrPC) में संशोधन का प्रस्ताव दिया है।
जानकारी
प्रस्ताव में दिए गए ये सुझाव
प्रस्ताव में जांच के लिए समय को 45 दिनों से घटाकर 15 और ट्रायल के लिए 60 दिनों को कम कर 30 करने का सुझाव दिया गया है। अपील के लिए छह महीनों की जगह 45 दिन का समय देने की बात कही गई है।
बयान
विधानसभा से मंजूरी मिलने पर केंद्र को भेजा जाएगा मसौदा- देशमुख
कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए देशमुख ने कहा कि बैठक में कानून के मसौदे पर चर्चा हुई थी। कैबिनेट ने इसे हरी झंडी दिखा दी है। अब इसे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। यहां से पारित होने के बाद इसे केंद्र सरकार और फिर राष्ट्रपति को भेजा जाएगा।
वहीं महिला औऱ बाल विकास मंत्री यशोमति ठाकुर ने इसे ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि महिलाओं और बच्चों की रक्षा में मदद करेगा।
क्या आप जानते हैं?
महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले में महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले में महाराष्ट्र का स्थान उत्तर प्रदेश और राजस्थान के बाद तीसरे स्थान पर है। देशभर में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में 9.2 प्रतिशत महाराष्ट्र में होते हैं।