सेंटर विस्टा पुनर्विकास योजना के तहत शुरू हुआ नए संसद भवन का निर्माण कार्य
देश में लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त नया संसद भवन बनाने की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ा दिया गया है। सरकार की महत्वाकांक्षी सेंटर विस्टा पुनर्विकास योजना के तहत शुक्रवार से नए संसद भवन का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। ऐसे में अब तेजी से इसका निर्माण कार्य किया जाएगा। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 10 दिसंबर को भूमि पूजन के साथ नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी।
क्या है सेंट्रल विस्टा परियोजना?
सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक के चार किलोमीटर लंबे राजपथ को विकसित और संवारा जाएगा और यहां नए संसद भवन और कॉमन केंद्रीय सचिवालय समेत कई नई इमारतों का निर्माण किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 10 दिसंबर को नए संसद भवन की नींव रखी थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने मामले को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई पूरी होने से पहले निर्माण पर रोक लगाई थी।
सुप्रीम कोर्ट में 5 जनवरी को दी निर्माण की मंजूरी
सेंट्रल विस्टा परियोजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिकाओं में इसके लिए लैंड यूज में बदलाव, सेंट्रल विस्टा समिति द्वारा दिए गए अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) और निर्माण कार्य को मिली पर्यावरण संबंधी मंजूरी पर सवाल उठाए गए थे। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट को परियोजनाओं से संबंधित मंजूरियों में कोई खामी नहीं मिली और उसने 5 जनवरी को 2-1 के बहुमत से निर्माण कार्य शुरू करने की मंजूरी दे दी। जस्टिस संजीव खन्ना ने खिलाफ वोट दिया था।
14 सदस्यीय हैरिटेज पैनल ने दी स्वीकृति
सुप्रीम कोर्ट ने निर्माण कार्य शुरू करने से पहले हैरिटेज पैनल की मंजूरी लेने के आदेश दिए थे। इसके बाद इसी सप्ताह पैनल ने सरकार को निर्माण कार्य के लिए स्वीकृति जारी कर दी। इसके जारी होते ही सरकार ने निर्माण कार्य शुरू कर दिया।
देरी के बाद भी समय पर पूरा होगा निर्माण कार्य- नवलखे
टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के उपाध्यक्ष और बिजनेस यूनिट के प्रमुख संदीप नवलखे ने कहा कि नए संसद भवन का निर्माण कार्य शुर हो गया है। आवश्यक मंजूरियों के कारण 35 दिन की देरी से शुरू हुआ है, लेकिन उन्हें विश्वास है कि परियोजना का कार्य निर्धारित समय तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि कार्य को समय पर पूरा करने के लिए श्रमिकों सहित संसाधनों को बढ़ोतरी की जाएगी। इसके योजना तैयार हो चुकी है।
कब तक बनकर तैयार होगा नया संसद भवन?
बता दें कि नए संसद भवन के साल 2022 तक तैयार होने की उम्मीद है। 2022 में देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर इसके तैयार होने के कारण उसके बाद नए भवन में संसदीय सत्र शुरू हो जाएगा। भवन के निर्माण कार्य में 2,000 लोग प्रत्यक्ष रूप से और करीब 9,000 लोग अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हैं। इस भवन को पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से बनाया जाएगा। ऐसे में यह "आत्मानिर्भर भारत" का अनूठा उदाहरण होगा।
नए संसद भवन के निर्माण पर कितनी लागत आएगी?
नए संसद भवन के निर्माण का ठेका इसी साल सितंबर में केंद्रीय विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को 861.90 करोड़ रुपये में दिया गया है। हालांकि, इसके तैयार होने में अनुमानित लागत 971 करोड़ रुपये की आएगी। नए भवन का निर्माण 64,500 वर्ग मीटर भूमि में किया जाएगा। इसमें एक बेसमेंट (तलघर), भूतल, पहली और दूसरी मंजिल होगी। इसका डिजाइन डिजाइन HPC डिजाइन, योजना और प्रबंधन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया है।
नए भवन में होगी 1,000 से अधिक सांसदों के बैठने की क्षमता
नए संसद भवन में 1,224 सांसदों के बैठने की क्षमता होगी। इसमें लोकसभा में 888 और राज्यसभा हॉल में 384 सांसद एकसाथ बैठ सकेंगे। वर्तमान में लोकसभा के लिए 543 और राज्यसभा के लिए 245 सांसदों की स्वीकृत संख्या है। ऐसे में नए भवन को अपग्रेड किया गया है। इसमें सभी सांसदों के लिए अलग-अलग पेपर रहित कार्यालय बनाए जाएंगे। इसमें लाउंज, पुस्तकालय, कैंटीन क्षेत्र और भारत की लोकतांत्रिक विरासत का प्रदर्शन करने के लिए संविधान हॉल भी बनाया जाएगा।
पुरातात्विक संपत्ति के रूप में संरक्षित किया जाएगा पुराना भवन
मौजूदा संसद भवन को पुरातात्विक संपत्ति के रूप में संरक्षित किया जाएगा। इसकी आधारशिला 12 फरवरी, 1921 को रखी गई थी और उद्घाटन 18 जनवरी, 1927 को हुआ था। उस दौरान संसद भवन को तैयार करने में 83 लाख की लागत आई थी।