पेट्रोल और डीजल फिर हुआ महंगा, दिल्ली में अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंचे दाम
अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों के बढ़ने से देश में पेट्रोल और डीजल के दामों में फिर बढ़ोतरी होना शुरू हो गया है। तेल कंपनियों ने लगातार दूसरे दिन गुरुवार को पट्रोल पर 23 पैसे और डीजल पर 26 पैसे पति लीटर की बढ़ोतरी कर दी है। तेल कंपनियों ने 20 नवंबर के बाद से पेट्रोल-डीजल के दामों में 16वीं बार बढ़ोतरी की है। इससे दिल्ली में पेट्रोल-डीजल के दाम अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं।
दिल्ली में 84.20 रुपये प्रति लीटर पहुंचा पेट्रोल
दामों के इजाफा करने के साथ ही दिल्ली में प्रेट्रोल की कीमत 83.97 रुपये से बढ़कर 84.20 रुपये और डीजल के दाम 74.12 रुपये से बढ़कर 74.38 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गए हैं। यह बढ़ोतरी आम लोगों की जेब पर भारी पड़ेगी। इससे पहले दिल्ली में पेट्रोल के सबसे अधिक दाम 4 अक्टूबर, 2018 को हुए थे। उस समय राजधानी में पेट्रोल 84 रुपये प्रति लीटर और डीजल के दाम 75.45 रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंचे थे।
देश के अन्य शहरों में यह है पेट्रोल-डीजल के दाम
मुंबई में पेट्रोल के दाम 23 पैसे बढ़कर 90.83 रुपये प्रति लीटर और डीजल 29 पैसे बढ़कर 81.07 रुपये प्रति लीटर हो गया है। कोलकाता में पेट्रोल 24 पैसे बढ़कर 85.68 रुपये और डीजल 27 पैसे बढ़कर 77.97 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया हैं। चेन्नई में पेट्रोल 21 पैसे बढ़कर 86.96 रुपये और डीजल 26 पैसे बढ़कर 79.72 रुपये प्रति लीटर हो गया। इसी तरह बेंगलुरु में पेट्रोल 87.04 रुपये और डीजल 78.87 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया है।
लगातार दूसरे दिन बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम
देश में एक महीने के अंतराल के बाद पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी हुई है। पिछली बार गत 6 दिसंबर को पेट्रोल 28 पैसे और डीजल 29 पैसे प्रति लीटर महंगा हुआ था। उसके बाद तेल कंपनियों ने बुधवार को पेट्रोल 26 पैसे और डीजल 25 पैसे महंगा कर दिया। इसके बाद गुरुवार को फिर से बढ़ोतरी कर दी। ऐसे में दिल्ली में दो दिन में पेट्रोल 49 पैसे और डीजल में 51 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया।
50 डॉलर के पार पहुंचा क्रूड ऑयल
पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी का सबसे बड़ा कारण कच्चे तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी होना है। इस समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें तेजी से बढ़ रही है। यही कारण है कि इंडियन बॉस्केट क्रूड ऑयल 50 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया है। इसके अलावा ब्रेंट क्रूड की कीमत तो 54 डॉलर के आसपास चल रही है। इसी तरह अमेरिका से आने वाला WTI क्रूड ऑयल भी महंगा हुआ है।
सरकार ने साल 2018 में की थी उत्पाद शुल्क में कटौती
बता दें कि जब 4 अक्टूबर, 2018 को पेट्रोल और डीजल के दाम उच्चतम स्तर पर पहुंचे थे तब सरकार ने मुद्रास्फीति के दबाव को कम करने और उपभोक्ताओं में विश्वास बढ़ाने के लिए पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 1.50 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी। उसके बाद राज्य के स्वामित्व वाले ईंधन खुदरा विक्रेताओं ने भी एक रुपये लीटर कटौती की थी, लेकिन नियमित रूप से बढ़ने वाली कीमते फिर से बढ़ गई।
महामारी के दौर में सरकार ने कमाया 1.6 लाख करोड़ का अतिरिक्त राजस्व
कोरोना महामारी के दौर यानी मार्च 2020 और मई 2020 के बीच कच्चे तेल की कीमतों के बाद भी उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी की थी। इससे आम आदमी को तो नुकसान हुआ, लेकिन सरकार ने 1.6 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया था।