रामचंद्र गुहा बोले- मेहनती मोदी के सामने कहीं नहीं ठहरते पांचवीं पीढ़ी के वंशवादी राहुल गांधी
मशहूर इतिहासकार और लेखक रामचंद्र गुहा ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर तंज कसा है। उन्होंने केरल लिटरेचर फेस्टिवल को संबोधित करते हुए राहुल को 'पांचवीं पीढ़ी का वंशवादी' बताया। उन्होंने कहा कि केरल ने कई बड़े काम किए हैं, लेकिन राहुल गांधी को सांसद बनाकर गलती की है। राहुल मेहनत करने वाले प्रधानमंत्री मोदी के सामने कहीं नहीं ठहरते। आइये, विस्तार से जानते हैं कि गुहा ने इस समारोह में और क्या-क्या बातें कहीं।
मोदी का सबसे बड़ा फायदा उनका राहुल गांधी नहीं होना- गुहा
गुहा ने कहा, "मेरी राहुल से निजी दुश्मनी नहीं है। वो एक शिष्ट और सभ्य व्यक्ति हैं, लेकिन युवा भारत पांचवीं पीढ़ी के वंशवादी को नहीं चाहता। अगर मलयाली लोग 2024 में भी राहुल को चुनते हैं तो यह मोदी को फायदा पहुंचाना होगा।'' उन्होंने कहा कि मोदी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि वो राहुल गांधी नहीं है। उनके पास अच्छा प्रशासनिक अनुभव है। उन्होंने 15 साल तक एक राज्य चलाया है। वो छुट्टियां मनाने यूरोप नहीं जाते।
अभी तक खुद को खड़ा नहीं कर पाए राहुल- गुहा
कई किताबें लिख चुके गुहा ने कहा कि अगर राहुल और ज्यादा समझदार हो जाएं, कड़ी मेहनत करने लगें और छुट्टियां मनाने विदेश न जाएं, तब भी वो नुकसान में रहेंगे। वो खुद को अभी तक खड़ा नहीं कर पाए हैं। गौरतलब है कि राहुल गांधी ने 2019 लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश की अमेठी और केरल की वायनाड लोकसभा से चुनाव लड़ा था। अमेठी से उन्हें हार मिली और वायनाड से वो जीत हासिल कर सांसद बने थे।
कांग्रेस पारिवारिक पार्टी बन गई- गुहा
गुहा ने कहा कि कांग्रेस का पतन हो चुका है। कांग्रेस आजादी के दौर में महान पार्टी थी, जो अब बेकार पारिवारिक कंपनी बन गई है। इसकी वजह से देश में हिंदुत्व और अंधराष्ट्रभक्ति का माहौल बन गया है। उन्होंने कहा कि जब तक गांधी परिवार राजनीति में है, तब तक नेहरू का नाम उछलता रहेगा। अगर राहुल गांधी राजनीति से गायब हो जाएंगे तो प्रधानमंत्री मोदी के पास नीतियों और उनकी नाकामी की चर्चा करना बाकी रह जाएगा।
भारत में बदलाव को समझ नहीं पा रही कांग्रेस- गुहा
गुहा ने कहा कि भारत कम सामंतवादी और ज्यादा लोकतांत्रिक बन रहा है, लेकिन गांधी परिवार इसे समझ नहीं पा रहा है। सोनिया दिल्ली में है और उनका साम्राज्य छोटा होता जा रहा है, लेकिन फिर भी उनके चमचे उन्हें बादशाह बता रहे हैं। साथ ही उन्होंने वामपंथी पार्टियों पर भी निशाना साधा। गुहा ने कहा कि लेफ्ट पार्टियों ने हमेशा भारत से ज्यादा दूसरे देशों को प्यार किया। उनके पाखंड से देश में राष्ट्रवाद उभर रहा है।
कई विषयों पर किताबें लिख चुके हैं गुहा
रामचंद्र गुहा कई विषयों पर किताबें लिख चुके हैं। उन्होंने पर्यावरण पर 'द अनक्विट वूड्स', क्रिकेट के सामाजिक इतिहास पर 'ए कॉर्नर ऑफ ए फॉरेन फील्ड' किताब लिखी है। इस किताब को क्रिकेट पर लिखी गई शीर्ष 10 किताबों में शामिल किया जाता है। उन्होंने 2007 में 'इंडिया आफ्टर गांधी' किताब लिखी थी, जिसे कई प्रकाशनों ने 'बुक ऑफ द ईयर' और कुछ प्रकाशनों ने 'बुक ऑफ द डिकेड' बताया है। उन्होंने महात्मा गांधी की जीवनी भी लिखी है।
गुहा ने किया था नागरिकता कानून का विरोध
गुहा हाल ही में तब चर्चा में आए थे, जब नागरिकता कानून का विरोध करते समय बेंगलुरू पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया था। उन्हें हिरासत में लेने का देशभर में विरोध हुआ था। गुहा नागरिकता कानून के साथ-साथ मौजूदा सरकार की कई नीतियों के मुखर आलोचक रहे हैं। वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार को देश की अब तक की सबसे अधिक बुद्धिजीवी विरोधी सरकार को बता चुके हैं।