टास्क फोर्स की सरकार से सिफारिश- 21 साल की जाए लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र
क्या है खबर?
सरकार द्वारा लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार के लिए बनाई गई टास्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
टास्क फोर्स ने स्वास्थ्य लाभ के लिए लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने की सिफारिश की है।
जया जेटली के नेतृत्व वाली इस टास्क फोर्स में नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल भी शामिल हैं।
इन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय और महिला और बाल विकास मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी है।
टास्क फोर्स
रिपोर्ट सौंपने को लेकर आधिकारिक पुष्टि नहीं
द प्रिंट ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि रिपोर्ट में चरणबद्ध तरीके से लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने की बात कही गई है।
इसका मतलब है कि राज्यों को इस संबंध में कानून बनाने के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा।
हालांकि, सरकार या टास्क फोर्स के सदस्यों की तरफ से अभी तक रिपोर्ट सौंपने को लेकर आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट सौंपने की जानकारी आई है।
शुरुआत
प्रधानमंत्री मोदी ने दी थी टास्क फोर्स बनाने की जानकारी
पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि सरकार कुपोषण के खिलाफ लड़ाई के लिए लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र बढ़ाने पर विचार कर रही है।
तब मोदी ने कहा था कि सरकार ने एक समिति गठित की है ताकि लड़कियां कुपोषण के चक्र से बाहर निकल सकें और उनकी शादी सही उम्र में हो। जैसे ही यह समिति अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, बेटियों की शादी की उम्र को लेकर उचित फैसला लिया जाएगा।
जानकारी
टास्क फोर्स में शामिल हैं ये सदस्य
जून में बनाई गई टास्क फोर्स में जेटली और पॉल के के अलावा कई मंत्रालयों के सचिवों के साथ-साथ जामिया मिलिया इस्लामिया की वाइस-चांसलर नजमा अख्तर, मुंबई स्थित SNDT महिला यूनिवर्सिटी की पूर्व वाइस-चांसलर वसुधा कामत और गुजरात की गायनोकॉलोजिस्ट डॉक्टर दीप्ति शाह शामिल हैं।
सिफारिश
पहली डिलीवरी के समय 21 साल होनी चाहिए मां की उम्र- रिपोर्ट
सूत्रों ने बताया कि टास्क फोर्स ने कहा कि पहले बच्चे के जन्म के समय महिला की उम्र 21 साल होनी चाहिए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि शादी की उम्र में देरी से महिला, बच्चे और समाज पर सकारात्मक सामाजिक, स्वास्थ्य और आर्थिक असर पड़ता है।
रिपोर्ट में 50 देशों में हुए अध्ययनों के हवाले से बताया है कि मां की उम्र 21 साल होने पर शिशु मृत्यु दर और बच्चों में बीमारियों का खतरा घट जाता है।
रिपोर्ट
सहमति की उम्र बढ़ाने की सिफारिश नहीं
शादी की उम्र बढ़ाने की बहस का एक मुद्दा यह भी है कि क्या इससे सहमति की उम्र को लेकर कोई भ्रम हो सकता है।
फिलहाल शादी के साथ-साथ सहमति की उम्र भी 18 वर्ष है। सूत्रों का कहना है कि टास्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट में सहमति की उम्र बढ़ाने की सिफारिश नहीं की है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी सेक्स काउंसलिंग और सेक्स एजुकेशन पर ध्यान देने की जरूरत है।
रिपोर्ट
रद्द घोषित नहीं की जा सकती 21 साल से कम उम्र में हुई शादी
टास्क फोर्स का कहना है कि अभी से 21 साल की उम्र से पहले लड़की की शादी को रद्द नहीं माना जा सकता।
अधिकारियों ने बताया कि ऐसा नहीं हो सकता कि कानून बनाया जाए और तुरंत समाज का रवैया भी बदल जाए। राज्यों को इस दिशा में काम करने के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बाल विवाह को तुरंत रद्द करने की जरूरत है। सरकार इस दिशा में काम कर रही है।